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नवरात्रि के पवन अवसर की शुरुआत हो चुकी है। आज नवरात्रि का पहला दिन है। आज के दिन शैलपुत्री की पूजा अर्चना काफी धूमधाम और आस्था के साथ सभी लोगों ने की है। वहीं, नवरात्रि के दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी की पूजा अर्चना की जाती है। माता ब्रह्मचारिणी की पूजा करने से मनुष्य में तप, त्याग के साथ-साथ वैराग्य के अलावा संयम की बढ़ोतरी होती है। जीवन के किसी भी कठिन मार्ग में वो इंसान कभी भी परेशान नहीं होता है। साथ ही उसे हर काम में तरक्की मिलती है।
नवरात्रि के दूसरे दिन माता रानी को चीनी का भोग लगाना चाहिए। साथ ही पंडित या फिर किसी ब्राह्मण को दान में चीनी देनी चाहिए। ऐसा करने से मनुष्य दीर्घायु होता है। साथ ही उसके तप, त्याग और सदाचार को लेकर वृद्धि होती है। माता ब्रह्मचारिणी मां दुर्गा की नौ शक्तियों में से दूसरी शक्ति मानी जाती है। इनकी पूजा करने से सारे काम पूरे हो जाते हैं। साथ ही जीवन में रुकावट भी नहीं होती है। हर तरह की परेशानी भी खत्म हो जाती है। माता ब्रह्मचारिणी का स्वरूप श्वेत वस्त्र में लिपटी हुई कन्या के रूप में हैं, जिनके एक हाथ में अष्टदल की माला और दूसरे में कमंडल है। माता अपनी सर्वज्ञ विद्या देकर भक्तों को विजयी बनाती है।
माता ब्रह्मचारिणी से जुड़े मंत्र
माता ब्रह्मचारिणी देवी तप से ताल्लुक रखती है। मां ब्रह्मचारिणी की पूजा में गुड़हल या कमल के फूल का ही प्रयोग करें। माता को दूध से बनी चीजों का ही भोग लगाएं। इन सबके बीच हम आपको कुछ ऐसे मंत्र बता रहे हैं, जिसके साथ आप माता रानी को खुश कर सकत हैं।
- या देवी सर्वभूतेषु मां ब्रह्मचारिणी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
- दधाना कपाभ्यामक्षमालाकमण्डलू।
देवी प्रसीदतु मयि ब्रह्मचारिण्यनुत्तमा।
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