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उत्तरी सीमाओं पर चीन के साथ चल रहे संघर्ष के लंबे समय तक चलने के साथ, भारत ने अपने एलसीए तेजस लड़ाकू जेट की क्षमताओं को बढ़ाने के लिए फ्रांस से हैमर मिसाइलों के लिए आदेश दिए हैं. अधिग्रहण तेजस जेट को 70 किमी दूर दुश्मन के बंकरों को बाहर निकालने में सक्षम करेगा. शीर्ष सरकारी सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि इस तरह की सीमाओं से दुश्मन के ठिकानों को बाहर निकालने की क्षमता स्वदेशी विमानों को बालाकोट जैसे हवाई हमलों को अधिक सटीकता और सटीकता के साथ करने की अनुमति देगी.
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लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस के लिए फ्रांस से हैमर (हाइली एजाइल मॉड्यूलर मुनिशन एक्सटेंडेड रेंज) मिसाइलों का ऑर्डर आपातकालीन खरीद शक्तियों के तहत रखा गया था, जैसा कि उन्हीं मिसाइलों को राफेल पर लैस करने के लिए किया गया था. सूत्रों ने कहा कि एक बड़े आदेश के तहत भारतीय वायुसेना के शस्त्रागार में कुछ सौ मिसाइलें जोड़ी जाएंगी. एक सूत्र ने कहा, "फ्रांस की हैमर मिसाइलें पूर्वी लद्दाख जैसे ऊंचाई वाले क्षेत्रों में लक्ष्य को निशाना बनाने की हमारी क्षमताओं को बढ़ाने में मदद करेंगी." पूर्वी लद्दाख सेक्टर में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के साथ चल रहे संघर्ष के कारण सशस्त्र बलों को आपातकालीन शक्तियां दी गई हैं.
भारत पहले ही दो एलसीए तेजस लड़ाकू स्क्वाड्रनों को सक्रिय कर चुका है और एक दो वर्षों में चार और प्राप्त करना चाहता है. वे निवर्तमान मिग-21 इन्वेंट्री की जगह लेंगे. एक अधिकारी ने कहा, "एलसीए तेजस चीन द्वारा विकसित जेएफ-17 से कहीं बेहतर विमान है और हैमर इसे हमले की क्षमता में अपने बेड़े से आगे ले जाएगा."
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