राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ रहे है. ऐसे में उन्हें अपना सीएम पद छोड़ना पड़ रहा है.
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राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ रहे है. ऐसे में उन्हें अपना सीएम पद छोड़ना पड़ रहा है. उनके बाद राज्य की कमान किसकी होगी, अभी तक कुछ भी साफ नहीं हो पाया है. आज शाम गहलोत के आवास पर कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई गई है, जिसमें सोनिया गांधी द्वारा नियुक्त दोनों पर्यवेक्षक भी शामिल होंगे.
पायलट के मुख्यमंत्री बनने का विरोध
राजस्थान में अशोक गहलोत के स्थान पर किसी अन्य नेता को चुनने के लिए आज शाम कांग्रेस विधायक दल की बैठक होगी. इसके लिए कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने वरिष्ठ नेताओं को पर्यवेक्षक के तौर पर भेजा है. कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक अशोक गहलोत ने सचिन पायलट के मुख्यमंत्री बनने का विरोध किया है. इस बीच शहरी विकास मंत्री शांति धारीवाल के आवास पर गहलोत खेमे के विधायकों की बैठक हो रही है, जिसमें 20 विधायक ही पहुंचे हैं. ये लोग अपनी ताकत दिखाने की कोशिश कर रहे है.
गांधी परिवार की ओर से सहयोग
अशोक गहलोत ने सचिन पायलट को विधायक दल का नेता बनाने का विरोध किया है. गहलोत चाहते हैं कि विधायक आज शाम को होने वाली बैठक में अपनी बात रखें, जिसमें मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन भी मौजूद रहेंगे. वहीं, पायलट को गांधी परिवार की ओर से सहयोग का आश्वासन दिया गया है. इसके अलावा एक और बात महत्वपूर्ण है कि गहलोत चाहते हैं कि राजस्थान के सीएम पर फैसला कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए अपना नामांकन दाखिल करने के बाद ही लिया जाए.
चुनाव के लिए नामांकन
आज जयपुर में होने वाली बैठक में सोनिया गांधी की ओर से भेजे गए पर्यवेक्षक भी शामिल होंगे. खड़गे और अजय माकन वहां के हालात का जायजा लेंगे और फिर अपनी रिपोर्ट कांग्रेस अध्यक्ष को सौंपेंगे. दरअसल 24 सितंबर से कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए नामांकन शुरू हो गया है. इस चुनाव में अशोक गहलोत का पलड़ा भारी बताया जा रहा है. वहीं, पार्टी ने राजस्थान के नए सीएम के चेहरे के लिए तैयारी शुरू कर दी है.
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