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बिहार की राजनीति में कैसे 'पोस्टर ब्वॉय' बने तेजस्वी यादव, नीतीश कुमार को दी कड़ी टक्कर

एग्जिट पोल में बिहार में महागठबंधन को स्पष्ट बहुमत मिलता दिख रहा था। पूरे चुनाव के दौरान ये देखा गया कि तेजस्वी यादव 15 साल से बिहार की सत्ता पर काबिज नीतीश कुमार पर किस कदर भारी थे।

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By Asna | खबरें - 10 November 2020

आज बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों का दिन है। शुरुआती रूझानों में मुकाबला बहुत ही कांटे का देखने को मिल रहा है। अभी तक जो रूझान हैं, उनमें से किसी भी पार्टी को बहुमत का आंकड़ा मिलता नहीं दिख रहा है। बिहार के चुनावी नतीजे चाहे कुछ भी हो, लेकिन लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव भारतीय राजनीति में एक पोस्टर ब्वॉय बनकर निकले हैं। चुनाव प्रचार के दौरान तेजस्वी यादव ने जिस तरह से नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कांटे की टक्कर दी है, उससे राजनीतिक पंडित काफी हैरान हैं। 

कैसे तेजस्वी बनकर उभरे युवा नेता?

एग्जिट पोल में बिहार में महागठबंधन को स्पष्ट बहुमत मिलता दिख रहा था। पूरे चुनाव के दौरान ये देखा गया कि तेजस्वी यादव 15 साल से बिहार की सत्ता पर काबिज नीतीश कुमार पर किस कदर भारी थे। आइए आपको बताते हैं कि आखिर कैसे पूरे चुनाव के दौरान तेजस्वी यादव एक मजबूत युवा बनकर उभरे हैं।

10 लाख नौकरियों का वादा

पूरे बिहार चुनाव के दौरान 10 लाख नौकरियों का वादा खूब सुर्खियों में रहा। तेजस्वी यादव की तरफ से किए गए इस वादे ने विपक्षी दलों को खूब हैरान किया। तेजस्वी यादव ने ना सिर्फ रोजगार का वादा किया बल्कि उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान बेरोजगारी के मुद्दे को बड़े पैमाने पर उठाया। आपको बता दें कि बिहार में बेरोजगारी दर 12 फीसदी है। सीएमआईई के अनुसार, ये आंकड़ा राष्ट्रीय औसत से लगभग दोगुना है।

नीतीश की घबराहट ने तेजस्वी के लिए किया काम

चुनाव प्रचार के दौरान नीतीश कुमार के बयानों में कहीं ना कहीं घबराहट अलग ही दिख रही थी। तेजस्वी यादव के 10 लाख की नौकरी वाले वादे पर नीतीश कुमार यहीं सवाल पूछते रहे कि आखिर इन नौकरियों के लिए पैसा कहां से आएगा। 

पीएम मोदी पर हमला करने से बचे तेजस्वी

बिहार चुनाव प्रचार के दौरान तेजस्वी यादव में एक बहुत बड़ी खूबी ये देखने को मिली की उन्होंने अपना मुकाबला नीतीश कुमार से सीधा बनाए रखा। अक्सर रैलियों में तेजस्वी यादव सिर्फ नीतीश पर ही निशाना साधते दिखे। उन्होंने कभी भी पीएम मोदी पर सीधा हमला नहीं किया। तेजस्वी ने यहां अरविंद केजरीवाल के फॉर्मूले को अपनाया।

तेजस्वी ने स्थानीय मुद्दों पर लड़ा चुनाव

तेजस्वी यादव ने स्थानीय मुद्दों पर चुनाव लड़ा। तेजस्वी ने स्थानीय विकास, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और मंदी जैसे मुद्दों को अपने भाषणों में शामिल किया। तेजस्वी ने अपने चुनाव प्रचार में राष्ट्रीय मुद्दों का जिक्र नहीं किया, जिसे भाजपा ने अपनी रैलियों में जोर-शोर से उठाया था।



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