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फ्रांस में चुनाव होने के साथ ही परिणाम के बाद जगह-जगह पर हिंसा भड़क गई है। वहीं, दूसरी तरफ अभी तक पार्टी को स्पष्ट जनादेश नहीं मिल पाया है। इस तरह से फ्रांस की राजनीति में लगातार उलटफेर नजर आ रहा है। एग्जिट पोल में वामपंथी गठबंधन को सबसे अधिक सीटें मिली है, जबकि राष्ट्रपति मैक्रों की पार्टी दूसरे नंबर पर है। इसके अलावा ले पेन धुर दक्षिणपंथी पार्टी नेशनल रैली तीसरे नंबर पर है। इस तरह से किसी भी दल गठबंधन को बहुमत न मिलने से फ्रांस में राजनीति और आर्थिक स्थिरता देखने को मिल सकती है।
जगह-जगह पर विरोध प्रदर्शन
गठबंधन की बढ़त को देखते हुए एग्जिट पोल के बाद फ्रांस की सड़कों पर हिंसा का माहौल बना हुआ है। नकाबपोश प्रदर्शनकारियों ने सड़कों पर उत्पात मचा दिया है। नारेबाजी करते हुए जगह-जगह पर आग लग रहे हैं। अधिकारियों ने राजनीतिक तनाव को कंट्रोल करने की कोशिश की यह आशंका भी जताई जा रही है कि पूरे देश में 30 हजार दंगा विरोधी पुलिस तैनात किए गए हैं। इस तरह से देखा जाए तो यह राष्ट्रपति मैंक्रो की पार्टी के लिए एक झटका है।
कैसी होगी आगे की स्थिति
इस समय वामपंथी न्यू पॉपुलर फ्रंट गठबंधन की सरकार बनाने को लेकर सबसे आगे नजर आ रही है। इसके अलावा एनपीएफ गठबंधन खाद्य पदार्थ जैसी जरूरी वस्तुओं की कीमतों पर बचत चाहता है। वह न्यूनतम वेतन को बढ़ाकर 17,00 यूरो प्रति माह करना चाहता है। वहीं दूसरी तरफ एनपीएफ सार्वजनिक क्षेत्र के कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि करना चाहता है और वेल्थ टैक्स भी लगाना चाहता है।
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