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मध्य प्रदेश के एक स्कूल में जय श्री राम का नारा लगाने का मामला तूल पकड़ लिया है. इस समाले को संज्ञान में लेते हुए अब राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण ( National Commission for Protection of Child Rights) भी शामिल हो गया है. राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने डीएम को एक नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. आयोग ने मध्य प्रदेश के सागर जिले के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. आयोग की तरफ से स्थानीय स्कूल द्वारा कथित तौर पर 'जय श्री राम' का नारा लगाने के मामले में 12 छात्रों को सस्पेंड करने के केस में नोटिस जारी किया है. लेकिन स्कूल का कहना है कि नारा लगाने की बात ही गलत है. इधर, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (AVBP) के कार्यकर्ताओं ने इस मामले में स्कूल के सामने जोरदार प्रदर्शन किया.
स्कूल ने आरोप को बताया गलत
स्कूल के प्रिंसिपल ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बातचीत में बताया कि जो आरोप लगाए जा रहे हैं वो गलत हैं. स्कूल के सिर्फ एक छात्र को अनुशासनहीनता के आरोप में सस्पेंड किया गया है. ऐसे में जो आरोप लगाए जा रहे हैं. इस बीच शिक्षा अधिकारी को इस मामले में किसी प्रकार की शिकायत नहीं की गई है. हालांकि, मामले की जांच के लिए एक टीम स्कूल का दौरा कर चुकी है.
मामले में जांच के आदेश
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने न्यूज रिपोर्ट के आधार पर खुद संज्ञान लिया और जिला के अधिकारी को नोटिस थमाते हुए पूरे मामले की जांच 7 दिन में करने और फिर रिपोर्ट जमा करने के निर्देश दिए हैं. आयोग ने बताया कि इस केस में बच्चों को संविधान के अधिकारों के उल्लंघन का मामला नजर आता है.
ABVP ने कार्रवाई की मांग की
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने सोमवार की दोहपर को इस मामलें में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है. 'जय श्री राम' का नारा लगाने के मामले में मचे बवाल के बीच परिषद के जिला पदाधिकारी श्रीराम रिछारिया ने कहा, 'स्कूल द्वारा छात्रों पर की गई कार्रवाई संविधान द्वारा मिले अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का हनन है.'
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