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रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को अपने देश के बाहर सैन्य बल का उपयोग करने का अधिकार दिए जाने के बाद यूक्रेन ने बुधवार को देशव्यापी आपातकाल की घोषणा की. इस बीच, पश्चिमी देशों ने रूस के खिलाफ कई प्रतिबंधों की घोषणा की, और मास्को ने यूक्रेन में अपने दूतावास परिसर से राजनयिक कर्मियों को निकाला. यूक्रेन के सांसदों ने राष्ट्रव्यापी आपातकाल लगाने के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की के आदेश को मंजूरी दे दी. जो गुरुवार से शुरू होकर 30 दिनों तक लागू रहेगा. रूस और यूक्रेन के बीच तनाव दिन-ब-दिन बढ़ता ही जा रहा है.
स्थिति युद्ध के बहुत करीब है और उम्मीद है कि रूस द्वारा किसी भी समय यूक्रेन पर हमला किया जा सकता है. इसी बीच खबर आ रही है कि यूक्रेन की संसद ने राष्ट्रीय आपातकाल घोषित कर दिया है. इससे पहले अमेरिका ने यूक्रेन को चेतावनी दी थी कि 48 घंटे के भीतर रूस की ओर से यूक्रेन पर बड़े पैमाने पर हमला हो सकता है. अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि रूस की करीब 80 फीसदी सेना यूक्रेन के आसपास हमले के लिए तैयार है. यानी सिर्फ एक इशारे पर यूक्रेन पर रूसी सेना टूट जाएगी.
हर नागरिक को युद्ध के लिए तैयार रहने को कहा
यूक्रेन की सरकार ने कहा है कि 30 दिनों के इस आपातकाल के दौरान देश का हर व्यक्ति सेना में लड़ने के लिए फिट है, उसे देश की सेवा करते हुए सेना की सेवा अनिवार्य रूप से करनी होगी। यूक्रेन के पास फिलहाल करीब 2 लाख लोगों की फौज है.
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