Story Content
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बीजेपी नेता और चंद्रकांत पाटिल के बयानों पर पलटवार करते हुए निशाना साधा है. उन्होंने पूछा की जब बाबरी मस्जिद गिराई गई थी तब ये लोग कहां थे? इतने वर्षों बाद इनकी आवाज़ बाहर आ रही है. चंद्रकांत पाटिल जी का इस्तीफा लेना चाहिए.
चूहे की तरह आज बिल से बाहर निकल रहे हैं
उन्होंने कहा आज उन्हें क्यों बाबरी मस्जिद ढहाये जाने की याद आ रही है. यह बात सब जानते हैं, खुद उस समय बीजेपी के नेताओं ने यह कहा था कि बाबरी गिराने का काम अगर कोई कर सकता है तो वह सिर्फ शिवसेना होगी. जैसे चूहे बिल में छिप जाते हैं उसी तरह से आज यह लोग बिल से निकल रहे हैं.
यह भाजपा की चाल है
उन्होंने कहा कि "मैं मानता हूं यह भाजपा की चाल है. धीरे-धीरे वो हिंदू हृदय सम्राट(बालासाहेब ठाकरे) के महत्व को भी लोगों के मन से निकालना चाहते हैं. इनके पास कोई नेता नहीं है जिसने आज़ादी के संग्राम में हिस्सा लिया हो. ये सबके आदर्शों को चोरी कर रहे हैं".
क्या बोले थे पाटिल?
बता दें कि, महाराष्ट्र के मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता चंद्रकांत पाटिल ने सोमवार को एक क्षेत्रीय चैनल को दिए गए इंटरव्यू में दावा किया कि अयोध्या में बाबरी मस्जिद को जब छह दिसंबर 1992 को बजरंग दल और दुर्गा वाहिनी ने ढहाया था, उस समय उस जगह के पास शिवसेना का एक भी कार्यकर्ता मौजूद नहीं था. उद्धव ठाकरे पाटिल के इसी दावे का जवाब देते हुए पलटवार किया है.
पाटिल ने दी सफाई
उद्धव ठाकरे के पलटवार और तीखे तेवर के बाद चंद्रकांत पाटिल ने इस मुद्दे पर अपनी सफाई पेश की है. उन्होंने कहा कि मैं खुद उद्धव ठाकरे को फोन करूंगा. मैं उनसे यह पूछूंगा कि आप मेरे बारे में इस तरह की गलतफहमी कैसे पाल सकते हैं. मैंने ऐसा नहीं कहा है. बालासाहेब ठाकरे के बारे में मेरे जैसे कार्यकर्ता के मन मे हमेशा श्रद्धा है और रहेगी. बालसाहेब कि वजह से ही दंगों के दौरान हिंदू सुरक्षित बचे थे. मैंने अपने इंटरव्यू में भी बालसाहेब का अभिवादन किया है.
Comments
Add a Comment:
No comments available.