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कोरोना वायरस (Corona Virus) हमारे लिए काल बन कर सामने आया है. कोरोना (Corona Cases in India) के कारण 3 लाख लोगों की मौतें हुई हैं. इस वायरस ने मानव जीवन को खतरे में डाल दिया है. रोज़ नए मामले आ रहे हैं, रोज़ लोग परेशान हो रहे हैं. कभी देश में ऑक्सीजन की किल्लत है तो कभी दवाइयों की. आईसीयू बेड में भी भारी किल्लत देखने को मिल रही है.
इसके बाद हर दिन मौत के मामले बढ़ते गए, लेकिन पहली लहर से ज्यादा जानलेवा असर इसी साल फरवरी के बाद दिखाई दिया है. तब से अब तक सवा लाख से ज्यादा लोगों की मौत हुई है. इसी महीने के 22 दिन में 85 हजार से ज्यादा लोगों ने संक्रमण के चलते दम तोड़ दिया.
स्वास्थ्य विशेषज्ञ प्रो. रिजो एम जॉन का कहना है कि दूसरी लहर में मौतें कभी कम नहीं हुई है. पिछले तीन सप्ताह की औसतन स्थिति देखें तो हर दिन 3700 से ज्यादा मरीजों की मौत हुई है जो दुनिया के बाकी देशों की तुलना में भी सबसे अधिक है.
पहली बार 21 लाख से ज्यादा जांच
देश में पहली बार एक दिन में 21 लाख से भी ज्यादा सैंपल की जांच की गई है, जिसका असर यह रहा कि 10 मार्च के बाद संक्रमण दर अब 11.34 फीसदी दर्ज की गई. आंकड़ों के अनुसार 10 मई को देश में 22.61 फीसदी सैंपल कोरोना संक्रमित मिले थे. हालांकि, इसके बाद हर दिन संक्रमित मिलने वाले सैंपल की दर में कमी आती चली गई और 13 दिन बाद यह आंकड़ा करीब आधे यानी 11.34 फीसदी तक पहुंच गया है.
कोरोना महामारी में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ मास्क पहनना अनिवार्य है. आप सभी से निवेदन है कि मास्क ज़रूर पहनें. बेवजह घर से बाहर न निकलें.
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