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लखीमपुर खीरी हिंसा को लेकर सुप्रीम कोर्ट की ओर से रिपोर्ट मांगे जाने के बाद यूपी पुलिस हरकत में आ गई है. पुलिस ने केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के घर पर नोटिस चिपका दिया है. और उनके बेटे को 8 अक्टूबर यानी कल सुबह 10 बजे पेश होने का आदेश दिया है. इस बीच पुलिस ने बताया है कि दो अन्य आरोपियों लवकुश और आशीष पांडेय को गिरफ्तार कर लिया गया है. रविवार को हिंसा में 4 किसानों सहित 8 लोगों की मौत के मामले में गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष का नाम मुख्य आरोपी के तौर पर तर्ज है. किसानों की शिकायत पर आशीष के खिलाफ नामजद मुकदमा दर्ज होने के बाद भी अभी तक पुलिस ने चुप्पी साध रखी थी. हालांकि, गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर एक जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए यूपी पुलिस से रिपोर्ट मांग की है.
आईपीसी की धारा 160 के तहत चिपकाए गए नोटिस में पुलिस ने कहा है. कि आशीष मिश्रा को 8 अक्टूबर को सुबह 10 बजे अपराध शाखा कार्यालय, रिजर्व पुलिस लाइन्स में व्यक्तिगत रूप से पेश होना होगा. उन्हें लिखित/मौखिक और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य भी पेश करने को कहा गया है. सुप्रीम कोर्ट ने 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी कांड में चार किसानों सहित 8 लोगों की हत्या को 'दुर्भाग्यपूर्ण' बताते हुए. उत्तर प्रदेश सरकार को शुक्रवार तक स्थिति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया. इस स्थिति रिपोर्ट में राज्य सरकार को प्राथमिकी में नामित आरोपियों के विवरण के साथ ही यह भी बताना है. कि क्या उन्हें गिरफ्तार किया गया है. शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) और न्यायिक जांच आयोग का विवरण भी मांगा है. सियासी तूफान खड़ा करने वाली इस घटना पर प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की तीन सदस्यीय ने स्वत: संज्ञान के मामले के रूप में सुनवाई की.
विपक्षी दलों ने उत्तर प्रदेश की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार पर दोषियों को बचाने का आरोप लगाया है. पीठ ने कहा, ''आपने खुद कहा है. खबरों में भी बताया गया है. और हमें जो पत्र याचिका प्राप्त हुई है, उसमें भी कि 8 व्यक्ति, जिनमें से कुछ किसान हैं और एक पत्रकार है. और अन्य व्यक्ति भी मारे गए हैं. ये सभी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं हैं. जिनमें अलग-अलग लोगों की हत्या की गई है.
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