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काबुल के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के ठीक बाहर सोमवार की सुबह एक अफगान सुरक्षा अधिकारी की मृत्यु हो गई. हवाई अड्डे पर गोलीबारी तब हुई जब तालिबान ने इस महीने की शुरुआत में अपने बिजली अधिग्रहण के लिए सशस्त्र प्रतिरोध की जेबों को खत्म करने के लिए राजधानी के उत्तर में लड़ाकों को भेजा. तालिबान ने कहा कि उन्होंने एक दिन पहले विरोधियों द्वारा जब्त किए गए तीन जिलों को वापस ले लिया और पंजशीर को घेर लिया, जो अंतिम प्रांत है जो उनके नियंत्रण से बाहर है.
20 साल की पश्चिमी सहायता, प्रशिक्षण और सहायता के बावजूद, तालिबान की प्रगति के सामने अफगानिस्तान के सुरक्षा बल ध्वस्त हो गए. तालिबान द्वारा पिछली बार जब वे अफ़ग़ानिस्तान में भागे थे. तब उस क्रूर शासन की वापसी के डर से, दसियों हज़ार अफ़गानों ने देश से भागने की कोशिश की थी. इससे देश से बाहर जाने वाले मुख्य मार्ग काबुल में हवाईअड्डे पर अफरातफरी मच गई.
हवाई अड्डे के एक प्रवेश द्वार के पास गोलीबारी हुई, जहां एक दिन पहले हजारों लोगों की भगदड़ में कम से कम सात अफगानों की मौत हो गई थी. सुबह के आसपास हुई गोलीबारी की परिस्थितियां स्पष्ट नहीं हो पाई हैं.
जर्मन सेना ने ट्वीट किया कि "अज्ञात हमलावरों" द्वारा अफगान सेना का एक सदस्य मारा गया और तीन अन्य घायल हो गए. अफगानिस्तान में अस्पतालों का संचालन करने वाले एक इतालवी मानवीय संगठन ने कहा कि उसने हवाईअड्डे से छह मरीजों का इलाज किया है, जिन्हें गोली लगी है.
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