कोरोना वायरस संक्रमण के बीच केरल में जीका वायरस के आने की पुष्टि हुई है. केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने गुरुवार को जानकारी देते हुए बताया कि राज्य में 24 वर्षीय गर्भवती महिला में मच्छर जनित बीमारी जीका वायरस का पहला मामला सामने आया है.
13 संदिग्धों के सैंपल भेजे
तिरुवनंतपुरम से वायरस के 13 अन्य संदिग्ध मामले हैं, मंत्री ने पीटीआई को बताया, सरकार को पुणे में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) से पुष्टि की प्रतीक्षा है. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मंत्री का कहना है कि तिरुवनंतपुरम से भेजे गए 19 नमूनों में से डॉक्टरों सहित 13 स्वास्थ्य कर्मियों के जीका से संक्रमित होने का संदेह है.
गर्भवती महिला ने 7 जून को बच्चे को जन्म दिया
उन्होंने बताया कि तिरुवनंतपुरम जिले की रहने वाली महिला ने 7 जुलाई को अपने बच्चे को जन्म दिया था, जिसमें जीका वायरस की पुष्टि हुई है. उनका कहना है कि महिला को 28 जून को बुखार, सिर दर्द और शरीर पर लाल निशान की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
स्वास्थ्य मंत्री के मुताबिक अस्पताल में हुई जांच में महिला जीका वायरस से संक्रमित पाई गई है. जिसके बाद उसके नमूने जांच के लिए एनआईवी, पुणे भेजे गए हैं। उन्होंने कहा कि महिला की स्थिति संतोषजनक बनी हुई है. इसके अलावा महिला ने अब तक राज्य से बाहर की यात्रा भी नहीं की है।
जीका वायरस के लक्षण
जीका वायरस के लक्षण डेंगू के समान ही होते हैं, इनमें बुखार, त्वचा पर लाल चकत्ते और जोड़ों में दर्द और आंखें लाल होना शामिल हैं जीका वायरस से संक्रमित व्यक्ति 7 से 8 दिनों तक प्रभावित रहता है. यह वायरस ज्यादातर गर्भवती महिलाओं को प्रभावित करता है. इसके कारण पैदा होने वाला बच्चा अविकसित मस्तिष्क के साथ पैदा होता है.
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