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देश में कोरोना वायरस से बहुत ही परेशानियां हो रही हैं. कोरोना फिर से एक बार कहर बरपा रहा है. स्थिति इतनी ख़राब हो चुकी है कि कोरोना से मरने वालों को रीति रिवाजों और समय पर अंतिम संस्कार तक नसीब नहीं हो रहा है. गुजरात की एक ख़बर ऐसी है, जो वाकई में भयावह है. दाह संस्कार के चलते श्मशान की भट्टियां, चिमनियां तक पिघल गई हैं. ये वाकई में चौंका देने वाली ख़बर है. गुजरात के सभी जिलों का हाल बहुत बुरा है. आंकड़ों की बात करें तो सबसे ज़्यादा ख़राब स्थिति सूरत का है.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, शहर में तीन मुख्य श्मशान घाट हैं. इन जगहों पर दिन भर दाह संस्कार प्रक्रिया जारी है. जिसकी वजह से भट्टियां तक पिघल गई हैं. यहां दिन भर शवों का आना लगा हुआ है. सरकारी वाहनों के अलावा अब निजी गाड़ियां भी लाशें लेकर श्मशान घाट पहुंच रही हैं.
www.covid19india.org के आंकड़े बताते हैं कि राज्य में अब तक कोरोना वायरस संक्रमण के 3 लाख 53 हजार 516 मामले सामने आ चुके हैं. वहीं, 4 हजार 855 मरीजों की मौत हो चुकी है. राज्य का सर्वाधिक प्रभावित जिला अहमदाबाद है. यहां अब तक 84 हजार 832 मरीज मिल चुके हैं. इसके बाद सूरत का नंबर है, जहां 76 हजार 411 मामले दर्ज किए जा चुके हैं. सूरत जिले में अब तक 1 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.
गुजरात की स्थिति काफी ख़राब है.इस तरह की ख़बरें विचलित करती हैं. वरिष्ठ पत्रकार रविश कुमार ने भी इस मामले को सोशल मीडिया पर उठाया है. ये मामला बेहद चिंताजनक है. कोरोना को हल्के में लेने की ग़लती न करें. मास्क का प्रयोग करें, सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें.
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