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इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने सीएए-एनआरसी विरोधी प्रदर्शनों के दौरान एएमयू [अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी] में कथित रूप से 'राष्ट्र-विरोधी भाषण' देने के लिए अलीगढ़ में उनके खिलाफ दर्ज देशद्रोह के मामले में शरजील इमाम को आज जमानत दे दी. न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल सिंह की खंडपीठ ने आज उन्हें जमानत दे दी, हालांकि, इस संबंध में उच्च न्यायालय के विस्तृत आदेश का इंतजार है.
Allahabad High Court ???????????????????????? ???????????????? to Sharjeel Imam (@_imaams) in the 'Aligarh FIR' registered against him for allegedly delivering an 'anti-national speech' at AMU [Aligarh Muslim Univeristy] during Anti CAA-NRC protests.#SharjeelImam #AllahabadHighCourt pic.twitter.com/ZpFxFlGAp7
— Live Law (@LiveLawIndia) November 27, 2021
इमाम के खिलाफ आरोप भारत सरकार और भारतीय सशस्त्र बलों के प्रति नफरत फैलाने, दो समुदायों के बीच दुश्मनी और नफरत पैदा करने और राष्ट्र की एकता, अखंडता और संप्रभुता को खतरे में डालने से संबंधित हैं. दिल्ली की एक अदालत ने इस महीने की शुरुआत में नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ दिल्ली के अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और जामिया इलाके में उनके द्वारा कथित रूप से भड़काऊ भाषण देने के संबंध में शरजील इमाम द्वारा दायर जमानत याचिका पर आदेश सुरक्षित रख लिया था.
दिल्ली की एक अदालत ने पिछले महीने 2019 के एक मामले में शारजील इमाम द्वारा दायर नियमित जमानत याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उन्होंने भड़काऊ भाषण दिया, जिसके कारण विभिन्न स्थानों पर दिल्ली दंगे हुए, यह देखते हुए कि आग लगाने वाले भाषण के स्वर और कार्यकाल का जनता पर दुर्बल प्रभाव पड़ता है. समाज की शांति, शांति और सद्भाव.
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