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नोएडा के गौतमबुद्ध नगर के डीएम मनीष वर्मा ने पिछले दिनों एक बैठक की थी. जिसमें उन्होंने कहा कि डिफाल्टर बिल्डरों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. बिल्डरों के खिलाफ कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. जहां बकाया भुगतान नहीं करने पर दादरी तहसील की टीम ने सुपरटेक के सेक्टर-96 प्रधान कार्यालय को सील कर दिया.
मुख्यालय में सीलिंग
आईआरपी ने कार्रवाई को गलत और प्रशासन ने कार्रवाई को सही बताया है. एसडीएम दादरी आलोक गुप्ता ने बताया कि सुपरटेक टाउनशिप प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड पर रेरा का 33 करोड़ 56 लाख रुपये बकाया है. बिल्डर ने बकाया भी नहीं चुकाया. इसके चलते मंगलवार को सुपरटेक के सेक्टर-96 मुख्यालय में सीलिंग की गई. प्रशासन का कहना है कि अन्य डिफॉल्टर बिल्डरों के खिलाफ भी सीलिंग की कार्रवाई की जाएगी.
सुपरटेक कंपनी दिवालिया
सीलिंग की कार्रवाई के दौरान तहसील प्रशासन और आईआरपी के बीच धक्का-मुक्की भी हुई. सुपरटेक कंपनी को दिवालिया घोषित करने की प्रक्रिया भी जारी है. हितेश गोयल को एनसीएलटी ने उसी पर आईआरपी के रूप में नियुक्त किया है. वर्तमान में वह सुपरटेक लिमिटेड का सारा काम देख रहे हैं.
न्यायालय के आदेश
आईआरपी का कहना है कि जिस कार्यालय को प्रशासन ने सील किया है वह सुपरटेक लिमिटेड का कार्यालय है. न्यायालय के आदेश से इस कार्यालय में आईआरपी नियुक्त किया जाता है. जिला प्रशासन को पत्र लिखकर तत्काल कार्यालय पर लगी सील खोलने को कहा गया है. न्यायालय के आदेश से इस कार्यालय में आईआरपी नियुक्त किया जाता है.
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