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जम्मू-कश्मीर में पत्थरबाजों के लिए शासन हुआ सख्त. शासन का कहना है कि हिंसा करने वाले उपद्रवियों को नहीं बक्शा जायेगा. यहाँ तक कि पत्थरबाजी में शामिल होने वालों को सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी और ऐसे हिंसक लोगों के विदेश यात्रा करने पर भी पावंदी है. जम्मू कश्मीर शासन ने सभी सम्बंधित विभागों में और सभी अधिकारीयों को नोटिस भेजा दिया है. जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त किए जाने के दो साल पूरे होने वाले हैं. राज्य का विशेष दर्जा खत्म होने के बाद से यहां पर काफ़ी शांति है. कई बार विद्रोहियों ने हिंसा भड़काने का प्रयत्न किया था पर सख्त सुरक्षा के चलते उनके प्रयास विफल रहे. अब जम्मू-कश्मीर में ऐसे हुल्लड़बाज़ों के खिलाफ सख्त कार्यवाई की जा रही है. ऐसे लोगों को ना तो सरकारी नौकरी मिलेगी और ना ही विदेश जाने की अनुमति.
जम्मू-कश्मीर सरकार ने कह दिया है कि पत्थरबाजों उपद्रवियों को देशद्रोही घोषित कर दिया जायेगा. मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि पत्थरबाजों और राज्य और राष्ट्र की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाली गतिविधियों में शामिल रहने वाले लोगों का पासपोर्ट भी ना बनाया जाए. जिससे सभी विद्रोहियों को विदेश जाने का मौका न मिले. लेकिन जिनका पासपोर्ट पहले से बना हो उनके लिए क्या किया जायेगा ये तो अभी सरकार ने नहीं बताया है.
आपको बता दें कि सीआईडी की हेड ब्रांच कश्मीर की तरफ से सभी संबंधित अधिकारियों और जिम्मेदार विभागों को इस विषय में नोटिस भेजा गया है. सरकार ने आदेश में कहा है कि जब किसी व्यक्ति की जांच की जाए तो इस बात का ध्यान रखा जाए कि वह किसी तरह की पत्थरबाजी, देश और राज्य की सुरक्षा के लिए खतरा करने वाले या कानून भंग करने वाली किसी गतिविधि में शामिल ना रहा हो.
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