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अलगाववादी नेता गिलानी के निधन पर कांग्रेस ने उन्हें एक जिहादी एजेंट बताया

जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेता(Separatist leader) 92 वर्षीय सैयद अली शाह गिलानी का लंबी बीमारी के चलते निधन हो गया। उन पर आतंकियों के प्रति नरम रुख रखने और पाकिस्तान से फंडिंग का भी आरोप था.

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By Manisha Sharma | खबरें - 02 September 2021

जम्मू कश्मीर के अलगाववादी नेता  92 वर्षीय सैयद अली शाह गिलानी जो हमेशा भारत विरोधी बयानों में रहते है उनका लंबी बीमारी के चलते निधन हो गया. तहरीक-ए-हुर्रियत नेता गिलानी ने 92 साल की उम्र में श्रीनगर स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली. 


गिलानी को पाकिस्तान परस्त नेता माना जाता था,वे खुल कर आतंकवादियों का समर्थन भी करते थे. पाकिस्तान से फंडिंग के मामले की जब जांच चल रही थी तब गिलानी का पासपोर्ट रद्द कर दिया गया था. NIA और ED ने टेरर फंडिंग के मामले में जांच की थी. मेहबूबा मुफ्ती ने ट्वीट कर उनके निधन पर सवेंदना जताई है.


पाकिस्तान ने ऐलान किया एक दिन का राजकीय शोक 

गिलानी के निधन पर पाकिस्तान सरकार ने एक दिन का राजकीय शोक रखा है, इसी के साथ पाकिस्तान के विदेश मंत्री महमूद कुरैशी ने ट्वीट करके कहा कि कश्मीर स्वतंत्रता आंदोलन के मशाल वाहक सैयद अली शाह गिलानी के निधन पर पाकिस्तान शोक जताता है. उनकी आजादी का सपना साकार हो. इसके जवाब में कांग्रेस के सीनियर लीडर अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि मिस्टर कुरैशी! हकीकत में आपने जिहाद के नाम पर निर्दोष कश्मीरियों को कट्टरपंथी बनाने के लिए भारत में काम कर रही अपनी खुफिया एजेंसी के एक एजेंट को खो दिया.










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