रूस और यूक्रेन के बीच पिछले 34 दिनों से चल रहे युद्ध को खत्म करने की कोशिशों में भारत अब बड़ा भागीदार बनने जा रहा है. दोनों देशों के बीच जारी जंग को खत्म करने का फॉर्मूला मेड इन इंडिया बनाने की तैयारी में है. माना जा रहा है कि रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोल और इस्राइली प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट की यात्राएं इसी फॉर्मूले का हिस्सा हैं.
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सूत्रों के मुताबिक, इजरायल के पीएम नफ्ताली रूसी विदेश मंत्री के साथ बातचीत करेंगे. इसके बाद वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) नफ्ताली से चर्चा करेंगे. नफ्ताली के बाद मोदी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की से भी बातचीत करेंगे. इन सभी अभ्यासों के पीछे दोनों देशों के बीच युद्ध को समाप्त करने का प्रयास है.
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भारत की मध्यस्थता है जरूरी
रूस और भारत के बीच अच्छे संबंध हैं. अमेरिका से भी संबंध अच्छे हैं. बिडेन यूक्रेन के साथ खड़े हैं. ऐसे में भारत दोनों देशों के बीच बेहतर मध्यस्थता कर सकता है. अमेरिका इजरायल के सबसे करीब है, जबकि यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की यहूदी हैं. इज़राइल भी यहूदियों का देश है, इसलिए यह रिश्ता अलग तरह से काम करेगा.
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