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देश के लोगों को महंगाई के मोर्चे पर एक बार फिर से जोरदार झटका लगा है. मार्च महीने में खुदरा महंगाई में इजाफा हुआ है. मार्च में खुदरा महंगाई बढ़कर 6.95 फीसदी पर पहुंच गई है. वहीं इससे पहले फरवरी में खुदरा महंगाई 6.07 फीसदी की दर से बढ़ी थी.
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मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी
आपको बता दें कि, यह खुदरा मुद्रास्फीति पिछले 17 महीने में सबसे ज्यादा है. मुद्रास्फीति अब भी भारतीय रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर से ऊपर जा चुकी है. फरवरी में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति 6.07 प्रतिशत के स्तर पर थी. यह लगातार तीसरा महीना है जिसमें खुदरा मुद्रास्फीति छह प्रतिशत से ऊपर बनी हुई है. इससे पहले अक्तूबर 2020 में खुदरा मुद्रास्फीति 7.61 प्रतिशत के उच्च स्तर पर थी.
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RBI का मुद्रास्फीति पर विशेष ध्यान
सूत्रों के अनुसार, रिजर्व बैंक अपनी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा में मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़ों पर विशेष ध्यान रखता है. सरकार ने रिजर्व बैंक को मुद्रास्फीति को दो से छह प्रतिशत के दायरे में रखने का लक्ष्य दिया है. वहीं जनवरी मार्च की तिमाही में खुदरा मुद्रास्फीति औसतन 6.34 प्रतिशत रहा है.
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