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आज से करीब 7-8 महीने पहले कानपुर के विकास दुबे का पुलिस ने एनकाउंटर कर दिया था, उसी मामले से जुडी एक बड़ी खबर सामने आयी है. एनकाउंटर में विकास दुबे (Vikas Dubey Encounter) को एनकाउंटर करने वाली पुलिस की टीम को हाल ही में क्लीन चिट मिल गई है. कानपूर से सटे बिकरू गांव के विकास दुबे का यह मामला है, बिकरू कांड की जांच के लिए बने न्यायिक आयोग ने पुलिस की टीम को क्लीन चिट दे दी है. इस आयोग की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के रिटायर जज डॉ बीएस चौहान कर रहे थे. जिसके बाद जांच आयोग (Inquiry Commission Clean Chit to Police Team) ने भी इस बात को स्वीकार किया है कि विकास दुबे और उसके गैंग को लोकल पुलिस के साथ ही जिले के राजस्व और प्रशासनिक अधिकारियों का संरक्षण मिला हुआ था.
जज डॉ बीएस चौहान का कहना है कि विकास दुबे को उसके घर पर पुलिस की रेड पड़ने (Police Raid) की जानकारी भी स्थानीय चौबेपुर थाने से ही मिली थी. यूपी सरकार ने जांच आयोग की रिपोर्ट गुरुवार को विधानसभा के पटल पर रखी थी. जांच आयोग ने बिकरू कांड (Bikaru Kand) मामले में 132 पेज की रिपोर्ट बनाई है. जिसमें पुलिस और न्यायिक सुधार संबंधी कई सिफारिशें की गई हैं. रिपोर्ट के साथ ही 665 पेज की फेक्चुअल जानकारी भी राज्य सरकार को सौंपी गई है.
आपको बता दें कि बिकरू कांड की जांच के लिए एक जांच आयोग का गठन किया गया था. इसमें हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज शशिकांत अग्रवाल और पूर्व डीजीपी केएल गुप्ता भी शामिल थे. कानपुर के बिकरू गांव में 2 जुलाई 2020 की रात को रेड मारने गए 8 पुलिसकर्मियों की निर्ममता से हत्या कर दी गई थी. इस घटना के बाद आरोपियों की पुलिस एनकाउंटर में मौत हो गई थी.
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