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झारखंड की राजधानी रांची के रिम्स में उसके मां-बाप एक नवजात बच्चे को छोड़कर भाग गए. नवजात अस्पताल में ही रहा क्योंकि इस नवजात बच्चे के दो सिर थे. बताया जा रहा है कि जो बच्चा सिर जैसी बीमारी से पीड़ित था. इस कारण उसे जन्म देने वाली मां ने भी उस पर दया नहीं की और उसे छोड़कर चली गई. बच्चे का एक ही दोष था कि वह सामान्य बच्चों की तरह नहीं था, क्योंकि अगर बच्चा बोल सकता था तो सवाल पूछ लेता था कि अगर मेरे दो सिर हैं तो इसमें मेरा क्या कसूर है.
माता-पिता ने गलत पता दर्ज किया था:
बच्चे के भागने के बाद जब उसके माता-पिता से संपर्क किया गया तो पता चला कि उन्होंने अस्पताल में जो पता दर्ज कराया था, वह भी फर्जी था. क्योंकि शायद उन्हें पहले से ही अंदाजा था कि उनका बच्चा सामान्य नहीं होने वाला है, या फिर उन्होंने पहले ही तय कर लिया था कि बच्चे को जन्म देने के बाद उन्हें भागना ही होगा. उन्होंने ऐसा ही किया. बच्चे के जन्म के बाद बच्चे को नियोनेटल आईसीयू में भर्ती कराने के बाद परिजन चुपचाप चले गए. लेकिन डॉक्टरों ने बच्चे को बचाने की जिम्मेदारी ली.
इसके बाद रिम्स प्रबंधन ने सीडब्ल्यूसी को बच्चे के अकेले होने की जानकारी दी. सीडब्ल्यूसी से जानकारी मिलने के बाद करुणा संस्था के लोग बच्चे की मदद के लिए आगे आए. वहां के डॉक्टर देवेश ने खुद आगे आकर बच्चे के लिए रक्तदान किया. इसके बाद बच्चे की हालत में सुधार होने पर उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई.
समस्या तब होती है जब मस्तिष्क का ठीक से विकास नहीं होता है:
रिम्स के न्यूरो सर्जरी विभाग के डॉक्टर सीबी सहाय ने बताया कि बच्चे को जन्मजात बीमारी है. इस रोग में सिर के पिछले हिस्से में दिमाग का जो हिस्सा होता है, सीएसएफ बाहर निकल आता है और थैली जैसा हो जाता है. जो बिल्कुल सिर जैसा दिखता है. मेडिकल भाषा में इसे ओसीसीपिटल मेनिंगो एन्सेफेलोसेले कहते हैं. उन्होंने बताया कि डॉक्टरों की टीम ने मिलकर दो घंटे तक उनका ऑपरेशन किया. इसके बाद बच्चे को कड़ी निगरानी में रखा गया है.
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