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धरने पर बैठे पहलवानों की गिरफ्तारी का मामला गरमाता जा रहा है। पहलवानों को बीकेयू नेता राकेश टिकैत के नेतृत्व में सैकड़ों किसानों ने भी रविवार के दिन समर्थन किया था। पहलवानों की गिरफ्तारी के बाद वो और सैकड़ों किसान दिल्ली से सेट गाजीपुर बॉर्डर पर धरने पर बैठे गए थे। उन्होंने इस बात की मांग सबके सामने रखी थी कि या तो पहलवानों को रिहा किया जाए नहीं तो हमें भी गिरफ्तार कर लों। पहलवानों की रिहाई के बाद टिकैट ने भी धरना खत्म कर लिया और किसानों के साथ लौट गए।
दरअसल सामने आई जानकारी के मुताबिक पहलवानों के समर्थन में दिल्ली पहुंच रहे राकेश टिकैट और सैकड़ों किसानों को गाजीपुर बॉर्डर पर रोक दिया गया था। टिकैत और सभी किसान नए संसद भवन के बाहर आंदोलनकारी पहलवानों द्वारा बुलाए गए विरोध प्रदर्शन में शामिल होने की कोशिश में थे। इसके अलावा रालोद के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने बताया कि पार्टी कार्यकर्ताओं को जैसे ही पहलवानों को रिहा किए जाने की खबर मिली उन्होंने अपना विरोध प्रदर्शन समाप्त कर दिया। मैं नोएडा पहुंचा था और प्रदर्शन स्थल से कुछ ही दूरी पर था। बहुत बड़ी संख्या में रालोद कार्यकर्ता दिल्ली-गाजीपुर सीमा पर प्रदर्शन कर रहे थे। मैं कई कार्यक्रमों के सिलसिले में आगरा में था, लेकिन जब मुझे प्रदर्शन की जानकारी मिली तो मैं अपना कार्यक्रम बदलते हुए गाजीपुर की तरफ बढ़ गया।
इस तरह से हुई पहलवानों की गिरफ्तारी
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया के अलावा बाकी प्रदर्शनकारी पहलवानों को रविवार के दिन उस वक्त दिल्ली पुलिस ने हिरासत में लिया था। जब उन्होंने नए संसद भवन की तरफ बढ़ने की कोशिश करते हुए सुरक्षा घेरा को तोड़ दिया था। उन्होंने वहां पर महिला महापंचायत की योजना बनाई थी। इस दौरान पहलवानों औऱ पुलिस के बीच काफी धक्का मुक्की भी हुई थी।
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