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भारत और चीन के बीच पिछले एक साल से पूर्वी लद्दाख इलाके में सीमा विवाद देखने को मिल रहा है। लेकिन इसी बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राज्यसभा में इस बात का ऐलान किया है कि पैंगोंग लेक के पास विवाद को लेकर अब भारत और चीन के बीच समझौत हो गया है। यानी दोनों देश अपनी-अपनी सेनाओं को पीछे हटाने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। इसके अलावा बुधवार के दिन से इस प्रक्रिया को लेकर काम करना भी शुरू कर दिया गया है।
गुरुवार के दिन राजनाथ सिंह की तरफ से तब बयान दिया गया जब एक दिन पहले ही पैंगोंग लेक से दोनों सेनाओं के पीछे कदम हटने की बात सामने आई और अब सरकार ने संसद के जरिए इसकी आधिकारिक घोषणा तक कर दी है। अपनी बात रखते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि पूर्वी लद्दाख सीमा पर चीन द्वारा पिछले साल काफी ज्यादा संख्या में गोला-बारूद को इक्ट्ठा किया गया था। इस दौरान हमारी भारतीय सेनाओं ने चीन को जवाबी कार्रवाई दी थी। वहीं, सितंबर से दोनों पक्ष एक-दूसरे के साथ बातचीत करने में जुटे हुए हैं। एलएसी पर यथास्थिति करना ही हमारा एक एजेंडा है। इसके अलावा रक्षा मंत्री ने कहा कि चीन ने 1962 के वक्त से ही काफी हिस्से पर कब्जा किया हुआ है। भारत ने चीन को बॉर्डर के हालात का रिश्तों पर असर पड़ने की बात कही है।
राज्यसभा में राजनाथ सिंह ने बात रखते हुए कहा कि बातचीत के लिए हमारी रणनीति पूरी तरफ से साफ है, जोकि पीएम नरेंद्र मोदी का निर्देश भी है कि हम अपनी एक इंच जमीन भी किसी और को नहीं लेने देंगे। हमारे दृढ़ संकल्प का ही परिणाम है कि हम समझौते की स्थिति पर पहुंच गए हैं। राजनाथ सिंह ने ये भी बताया कि भारत और चीन ने पैगोंगे लेक के साउथ और नॉर्थ इलाके में पीछे हटने का फैसला लिया है।
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