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अस्पताल में भर्ती मरीज की देखभाल करना अस्पताल की जिम्मेदारी है, तीमारदार आत्मविश्वास से अपने मरीज को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराते हैं, लेकिन राजस्थान के कोटा मेडिकल कॉलेज में अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के कारण एक मरीज की मौत हो गई. दरअसल, बुधवार रात हार्ट अटैक के बाद आईसीयू में भर्ती एक मरीज को डॉक्टर सीपीआर दे रहे थे. तभी सीपीआर देने के दौरान मरीज के ऑक्सीजन मास्क में करंट से आग लग गई और मरीज का चेहरा और गर्दन जल गया. जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई.
प्रशासन की लापरवाही
जब मरीज के मास्क में आग लगी तो उसे बचाने की बजाय स्टाफ आईसीयू से भाग गया. इससे मरीज की मौत हो गयी. गुरुवार को जब परिजनों को इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा किया. जानकारी के मुताबिक अनंतपुरा तालाब गांव निवासी 30 वर्षीय वैभव पिछले एक माह से लगातार पेट दर्द से परेशान था. आसपास के डॉक्टरों को दिखाने पर आराम न मिलने पर वैभव ने मेडिकल कॉलेज से इलाज शुरू कराया.
अस्पताल में भर्ती
जब वैभव को आराम नहीं मिला तो डॉक्टरों ने उसके पेट की सोनोग्राफी जांच कराई तो पता चला कि उसकी आंतों में छेद हो गया है. जिसके चलते उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था. रविवार यानी 10 जुलाई को उनका ऑपरेशन किया गया और उसके बाद उन्हें जनरल वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया. बुधवार दोपहर अचानक वैभव की तबीयत बिगड़ने लगी. परिजनों ने नर्स को बुलाया, मरीज की हालत देखकर डॉक्टरों ने उसे वापस आईसीयू में शिफ्ट कर दिया.
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