राजस्थान के कोटा में स्वास्थ्य को लेकर प्रशासन काफी लापरवाही बरत रहा है, जिससे छात्र के जीवन में कोचिंग आ गई है. कोटा में 'हेपेटाइटिस ए' का प्रकोप तेजी से बढ़ता जा रहा है.
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राजस्थान के कोटा Kota में स्वास्थ्य को लेकर प्रशासन काफी लापरवाही बरत रहा है, जिससे छात्र के जीवन में कोचिंग आ गई है. कोटा में 'हेपेटाइटिस ए' का प्रकोप तेजी से बढ़ता जा रहा है. ऐसे में कोचिंग स्टूडेंट्स के साथ-साथ आम लोग भी इसकी चपेट में आ रहे हैं. इस बीच कैथून निवासी 18 वर्षीय वैभव राय की हेपेटाइटिस ए से मौत हो गई है. मृतक कोचिंग के लिए कोटा आया था.
खतरनाक बीमारी हेपेटाइटिस ए
वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. कपिल भोला ने बताया कि कुछ दिन पहले तक प्रतिदिन करीब 10-12 बच्चे हेपेटाइटिस ए केस के लिए क्लिनिक में आ रहे थे. ऐसा ही अन्य क्लीनिकों में भी आने वाला है. उन्होंने बताया कि दूषित पानी से यह बीमारी सबसे ज्यादा फैलती है. इस क्षेत्र में प्रशासन की ओर से पानी की कोई व्यवस्था नहीं है. यहां टैंकरों से या बोरिंग से पानी आता है, जिससे यह बीमारी फैल रही है. उन्होंने कहा कि यह एक खतरनाक बीमारी है, जिससे लीवर खराब होने से मौत हो सकती है.
सरकारी टीकाकरण अभियान
डॉ. कपिल भोला ने बताया कि पहले यह रोग स्कूल जाने वाले बच्चों में होता था, लेकिन अब एक-दो मामलों में 14 से 20 साल और उससे भी ज्यादा उम्र के मरीज देखने को मिल रहे हैं. यह बड़ी चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि पानी से दूषित खाना भी इसका कारण हो सकता है. जानकारी के मुताबिक सरकार बच्चे को कई घातक बीमारियों से बचाने के लिए टीकाकरण अभियान के तहत बच्चे का टीकाकरण करती है, लेकिन सरकारी टीकाकरण अभियान में हेपेटाइटिस ए का टीका शामिल नहीं है.
हेपेटाइटिस ई की रिपोर्ट
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जगदीश सोनी ने कहा कि शिकायत के बाद पूरे इलाके का सर्वेक्षण किया गया है, जहां छात्र थे, पानी के नमूने लिए गए हैं. बच्चों के रक्त के नमूने ले लिए गए हैं और उन टैंकरों को नोटिस जारी किया गया है जहां से पीएचईडी विभाग के साथ दूषित पानी आ रहा था. फिलहाल 11 सैंपलों में हेपेटाइटिस ए और एक में हेपेटाइटिस ई की रिपोर्ट मिली है. कोचिंग और हॉस्टल में एआरओ बदल दिया गया है.
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