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वस्तु एवं सेवा कर (GST) परिषद की शुक्रवार को हुई बैठक (Council meeting) के अहम एजेंडे में से एक पेट्रोल (petrol और डीजल (diesel) की कीमतों से संबंधित था. जीएसटी परिषद से पेट्रोलियम उत्पादों को अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था के दायरे में लाने की संभावना पर चर्चा करने की उम्मीद थी.
अगर पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाया जाता है तो पेट्रोल और डीजल की कीमतों में काफी कमी आएगी। हालांकि, विशेषज्ञ आज की बैठक के बाद पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के तहत शामिल करने को लेकर आशान्वित नहीं हैं.
पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने में अपेक्षा से अधिक समय लग सकता है, इस तथ्य को देखते हुए कि यह पहली बार है जब परिषद इस तरह के कदम की संभावना पर चर्चा करेगी। एक अन्य महत्वपूर्ण कारक जिस पर ध्यान देने की आवश्यकता है, वह यह है कि कई राज्य अभी भी पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के तहत शामिल करने के खिलाफ हैं.
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