नोएडा के चर्चित निठारी कांड के आखिरी मामले में मुख्य आरोपी सुरेंद्र कोली को मौत की सजा सुनाई गई है.
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नोएडा के चर्चित निठारी कांड के आखिरी मामले में मुख्य आरोपी सुरेंद्र कोली को मौत की सजा सुनाई गई है. इस मामले में सीबीआई कोर्ट ने एक अन्य आरोपी मोनिंदर सिंह पंढेर को भी वेश्यावृत्ति मामले में दोषी पाए जाने पर 7 साल कैद की सजा सुनाई है. ये दोनों आरोपी पहले से ही कई मामलों में डासना जेल में सजा काट रहे हैं.
बरी आरोपियों को मिली सजा
आपको बता दें कि, निठारी कांड के मुख्य आरोपी सुरेंद्र कोली को 13 इस मामले में सबूत न मिलने पर 3 मामलों में सबूतों के अभाव में बरी किया गया था. वहीं अब तक उन्हें सिर्फ एक ही मामले में फांसी दी जानी थी, लेकिन देरी के चलते सुप्रीम कोर्ट ने इसे भी खारिज कर दिया. मिली जानकारी के अनुसार, एक अन्य मामले में हाईकोर्ट द्वारा फांसी में देरी को देखते हुए उसकी सजा को उम्रकैद में बदल दिया गया है. सीबीआई कोर्ट से मौत की सजा मिलने के बाद भी हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में कई मामले लंबित हैं.
क्या था निठारी कांड
7 मई 2006 को निठारी गांव के कोठी नंबर डी-5 निवासी मोनिंदर सिंह पंढेर ने निठारी की एक लड़की को नौकरी दिलाने का झांसा देकर बुलाया था. इसके बाद युवती घर नहीं लौटी। लड़की के पिता ने नोएडा के सेक्टर 20 थाने में गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया था. पुलिस ने जब जांच शुरू की तो 29 दिसंबर 2006 को पुलिस को मोनिंदर सिंह पंढेर की कोठी के पीछे नाले में 19 बच्चों और महिलाओं के मानव कंकाल मिले। इसके साथ ही कोठी के पास नाले से बच्चों के अवशेष भी मिले.
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