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नवरात्रि की अष्टमी की तिथि 20 अप्रैल और नवमी तिथि 21 अप्रैल को है. इसे महाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन मां महागौरी की पूजा की जाती है. कई लोग इस दिन कन्या पूजन भी करते हैं. इस दिन कन्याओं को देवी दुर्गा के तौर पर आराधना की जाती है. उन्हें भोजन कराया जाता है. नवमी तिथि पर राम नवमी का पर्व भी मनाया जाता है. इसी दिन अयोध्या में भगवान श्री राम का जन्म हुआ था. हालांकि कोरोना की वजह से इस साल भगवान श्रीराम की शोभा यात्रा नहीं निकाली जाएगी. पिछले साल भी कोरोना के चलते ऐसा संभव नहीं हो पाया था.
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कन्या पूजन के लिए जरूरी ये चीजें हैं जरूरी
1. जल- कन्याओं के पैर धोने के लिए साफ जल या फिर गंगाजल आप जरूर रखे.
2. साफ कपड़ा- कन्याओं के पैर को धोने के बाद उन्हें पोछने के लिए साफ कपड़े अपने पास रखें.
3. रोली- कन्याओं के माथे पर तिलक लगाने के लिए रोली जरूरी लें.
4. चावल- तिलक के साथ कन्याओं के माथे पर चावल भी लगाएं.
5. फूल- कन्या पूजा के दौरान कन्याओं पर फूल भी चढ़ाएं.
6. चुन्नी- पूजा में कन्याओं को चुन्नी भी उढ़ाई जाती है.
7. कलावा- कन्याओं के हाथों में फिर कलावा आप बांधे.
8. भोजन- कन्याओं के लिए खाने में हलवा, पूड़ी, चने आदि बनाइए.
9. फल- कन्याओं को श्रद्धानुसार आप फल खिलाए.
10. मिठाई- आप फल के साथ-साथ मिठाई भी दे सकते हैं.
भोजन के बाद अब कन्याओं को दक्षिणा दीजिए. इसके लिए आप इन सभी चीजों का पहले से ही इंतजाम कर लीजिए. कन्याओं को दक्षिणा देने से मां दुर्गा की खास कृपा आप सभी पर होती है.
जानिए क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त
20 अप्रैल 2021 रात्रि 12 बजकर 01 मिनट के बाद से अष्टमी तिथि शुरू हो जायेगी. जो कि 20 अप्रैल को पूरे दिन रहेगी और 21 अप्रैल रात्रि 12 बजकर 43 मिनट तक रहेगी. इसके बाद नवमी तिथि का प्रारंभ होगी. जो 22 अप्रैल 2021 मध्यरात्रि 12 बजकर 35 मिनट तक रहेगी.
नवरात्रि में 9 कन्याएं न मिलें तो क्या करें?
कोरोना के चलते और ज्यादा बड़े शहरों में ये दिक्कत आती है कि पूजा के लिए कन्याएं नहीं मिलती है. ऐसे में आप आस-पास के मंदिर में जाकर कन्या पूजन कर सकते हैं. यदि 9 कन्याएं न मिल पा रही है तब आप जितनी भी कन्या मिले उन्हीं का सच्चे मन से पूजन करें. हो सकते तो इस दिन जरूरतमंदों को कुछ न कुछ दान भी जरूर करें. ऐसे करने से माता रानी प्रसन्न हो जाएगी.
- यदि आपके परिवार में कोई पुत्री या फिर कन्या का जन्म नहीं हुआ है तो आप परेशान मत होना. शुद्ध मन से भोग का सुखा सामान किसी भी जरूरतमंद कन्या के घर आप भिजवा सकते हैं. साथ ही दक्षिणा और नारियल उठा कर रख दें. बाद में किसी कन्या को दे दें.
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- इसके अलावा यदि 9 कन्याओं को आप भोजन न कर पाएं तो 3 कन्याओं के साथ दुर्गा पूजन आप कर सकते हैं.
- माता के प्रसाद का कोई उचित पात्र न मिल पाए तो निराश होने की जरूरत नहीं है. माता रानी को याद करते हुए गाय को भोग समर्पित करें. प्रसाद का कुछ हिस्सा माता का ध्यान करते हुए गाय को खिला दें. याद रखें इसके बाद भोग को घर के सभी सदस्य ग्रहण अवश्य करें.
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