Hindi English
Login

मुख्तार अंसारी का बाहुबली से बर्बादी तक का सफर, खत्म हो गया पूरा साम्राज्य

इतिहास गवाह है कि जिंदगी में हर किसी का वक्त जरूर बदलता है. कभी पूर्वांचल में ताक़तवर मुख्तार अंसारी के इशारे पर सरकारें अपने फ़ैसले बदलती थीं, आज उस मुख्तार का बनाया साम्राज्य बर्बाद हो रहा है.

Advertisement
Instafeed.org

By Pooja Mishra | खबरें - 05 June 2023

इतिहास गवाह है कि जिंदगी में हर किसी का वक्त जरूर बदलता है. कभी पूर्वांचल में ताक़तवर मुख्तार अंसारी के इशारे पर सरकारें अपने फ़ैसले बदलती थीं, आज उस मुख्तार का बनाया साम्राज्य बर्बाद हो रहा है. वह अब सलाखों से बाहर नहीं आ पाएगा. सोमवार को उन्हें पहली बार आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई.

बेबसी की वजह

मुख्तार की बेबसी की वजह परिवार के सदस्य जेल या अन्य मामलों में फरार हैं. मऊ से विधायक पुत्र अब्बास अंसारी चित्रकूट जेल में हैं. उनकी पत्नी निखत अंसारी भी जेल में हैं. पत्नी अफशा अंसारी फरार है. उस पर इनाम घोषित कर दिया गया है. छोटा बेटा उमर अंसारी भी फरार है. उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है. बड़ा भाई अफजाल अंसारी सजा काट रहा है.

अपराध की दुनिया 

गाजीपुर जिले के यूसुफपुर का रहने वाला माफिया मुख्तार अंसारी साल 1988 में हरिहरपुर के सच्चिदानंद राय हत्याकांड से पहली बार अपराध की दुनिया में आया था. कुछ ही सालों में पूर्वांचल की तमाम हत्याओं और ठेकों में मुख्तार का नाम खुलकर लिया जाने लगा. सत्ता और प्रशासन का संरक्षण पाकर मुहम्मदाबाद से बाहर आकर मुख्तार अंसारी अपराध की दुनिया में एक बड़ा नाम बन गया. करीब 40 साल पहले राजनीति में आए मुख्तार कुछ ही समय में एक प्रभावशाली नेता बन गए.

मुख्तार अंसारी का जन्म 30 जून 1963 को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के यूसुफपुर में हुआ था. वह कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष मुख्तार अहमद अंसारी के पोते हैं. मुख्तार अंसारी मूल रूप से मखनू सिंह गैंग का सदस्य था, जो 1980 के दशक में काफी सक्रिय था. अंसारी का यह गिरोह कोयला खनन, रेलवे निर्माण, कबाड़ निपटान, सार्वजनिक निर्माण और शराब कारोबार जैसे क्षेत्रों में लगा हुआ था. अपहरण, हत्या और लूट समेत अन्य आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देता था। रंगदारी गैंग चलाता था.

गाजीपुर में सरेंडर

माफिया मुख्तार अंसारी की जिंदगी सलाखों के पीछे गुजर रही है. वह साढ़े 17 साल से जेल में है. मऊ दंगों के बाद मुख्तार अंसारी ने 25 अक्टूबर 2005 को गाजीपुर में सरेंडर कर दिया और वहां की जिला जेल में भर्ती हो गए. जब से मुख्तार जेल में है, उसके खिलाफ गंभीर धाराओं में मामले दर्ज हैं.

Advertisement
Advertisement
Comments

No comments available.