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मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर अंसारी ने बुधवार को एमपी एमएलए कोर्ट में सरेंडर कर दिया. उमर अंसारी तीन मामलों में फरार चल रहा था. सुनवाई के बाद कोर्ट ने 20,000 और 50,000 रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी. यह मामला दो आचार संहिता उल्लंघन और एक नफरत फैलाने वाले भाषण का था। तीनों मामलों में उमर अंसारी के खिलाफ कोर्ट से गैर जमानती वारंट जारी हुआ था. उमर अंसारी को हाईकोर्ट से अग्रिम जमानत मिल गई थी.
मऊ की अदालत में पेश
हाईकोर्ट ने गैर जमानती वारंट और 82 के मामले में राहत के लिए निचली अदालत में जाने का आदेश दिया था. अग्रिम जमानत मिलने के बाद उमर अंसारी मऊ की अदालत में पेश हुए. एसीजेएम श्वेता चौधरी की अदालत ने उन्हें हिरासत में लेने का आदेश दिया. अभियोजन पक्ष के अनुसार पहला मामला एसआई गंगाराम बिंद की शिकायत पर नगर थाने में दर्ज किया गया था. एफआईआर में सदर विधायक अब्बास अंसारी और अन्य के नाम भी जोड़े गए.
सदर विधानसभा सीट से चुनाव
आरोप है कि अब्बास अंसारी ने 3 मार्च 22 को विधानसभा चुनाव के दौरान पहाड़पुर मैदान में एक जनसभा को संबोधित करते हुए मऊ प्रशासन को धमकी दी थी. अब्बास अंसारी सुभासपा प्रत्याशी के तौर पर सदर विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे थे. पुलिस ने जांच के बाद सदर विधायक अब्बास अंसारी, भाई उमर अंसारी व अन्य के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र प्रस्तुत किया. फाइल अलग होने के बाद से आरोपी उमर अंसारी कोर्ट में उपस्थित नहीं हो रहा था.
अभियोजन पक्ष के मुताबिक दूसरा मामला एसआई राजेश कुमार वर्मा की शिकायत पर दर्ज किया गया. आरोप है कि 27 फरवरी 22 को विधानसभा चुनाव लड़ने वाले सुभासपा प्रत्याशी अब्बास अंसारी ने बिना अनुमति के राजाराम पुरा से भरहु का पुरा तक रोड शो निकाला। रोड शो में 5-6 गाड़ियां और 100-150 लोगों की भीड़ जुटी थी.
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