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मोहन यादव को मध्य प्रदेश का नया मुख्यमंत्री चुना गया है. मोहन यादव निवर्तमान सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री रह चुके हैं. इस बार भी वह उज्जैन दक्षिण सीट से चुने गये हैं. आज हुई बीजेपी विधायक दल की बैठक में उनके नाम पर मुहर लगी. उन्हें आरएसएस का भी चहेता माना जाता है. उज्जैन जिले से तीन बार विधायक रहे 58 वर्षीय यादव की नियुक्ति को व्यापक रूप से उनके पूर्ववर्ती शिवराज सिंह चौहान के लिए राजनीतिक राह के अंत के रूप में देखा जाता है.
पहली बार बने विधायक
मोहन यादव का राजनीतिक सफर छात्रसंघ सचिव के रूप में शुरू हुआ. इसके बाद वह अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े और बाद में एबीवीपी के प्रदेश मंत्री भी बने. इसके बाद 2013 में मोहन यादव पहली बार विधायक बने. इसके बाद 2018 के मध्य प्रदेश विधान सभा चुनाव में वह फिर से निर्वाचित हुए.
कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ
राज्य के राजनीतिक परिदृश्य में यादव का प्रभाव तब और मजबूत हो गया जब उन्होंने 2 जुलाई, 2020 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली. मोहन यादव का जन्म 25 मार्च 1965 को मध्य प्रदेश के उज्जैन में हुआ है। कई सालों से बीजेपी से जुड़े हैं. हाल ही में 2023 के मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में, मोहन यादव कांग्रेस उम्मीदवार चेतन प्रेमनारायण यादव के खिलाफ 12,941 वोटों के अंतर से जीतकर उज्जैन दक्षिण सीट से विधायक बने.
राज्य में अपनी सत्ता बरकरार रखी
मध्य प्रदेश में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में अपने प्रदर्शन के दम पर बीजेपी ने राज्य में अपनी सत्ता बरकरार रखी है. मध्य प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों के लिए 17 नवंबर को एक ही चरण में मतदान हुआ था और वोटों की गिनती 3 दिसंबर को की गई थी. बीजेपी ने 163 सीटें हासिल कर मजबूत जनादेश हासिल किया था, जबकि कांग्रेस 66 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर रही थी.
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