प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार ने आठ साल पूरे कर लिए हैं. इस दौरान सरकार ने कई ऐसे फैसले लिए हैं, जिनका जनता ने खुले दिल से स्वागत किया. कुछ फैसले ऐसे भी हुए जिनका जमकर विरोध हुआ.
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2014 से 2022 तक मोदी सरकार के रिपोर्ट कार्ड पर नजर डालें तो उनकी ज्यादातर योजनाएं देश की अर्थव्यवस्था, विदेश नीति और जनकल्याण से जुड़ी रही हैं. ऐसे में सरकार के उन आठ फैसलों के बारे में बताएंगे, जिन्होंने पिछले आठ सालों में आम लोगों के जीवन पर सबसे ज्यादा असर डाला है.
मोदी सरकार का रिपोर्ट कार्ड
1. नोटबंदी की घोषणा के साथ ही सरकार ने 500 और 2000 के नए नोट जारी किए. इन्हें लेने के लिए पूरा देश लाइन में खड़ा था. नोटबंदी के समय देश में कुल 15.41 लाख करोड़ रुपये के 500 और हजार के नोट चलन में थे.
2. केंद्र सरकार ने 1 जुलाई, 2017 को वस्तु एवं सेवा कर लागू किया था. दरअसल, अटल की सरकार ने 2000 में पूरे देश में एक ही कर लागू करने का फैसला किया था. इसके बाद मार्च 2011 में मनमोहन सिंह सरकार ने इसे लागू किया. संविधान संशोधन विधेयक लोकसभा में जीएसटी लागू करने के लिए जरूरी था, लेकिन राज्यों के विरोध के चलते अटक गया.
3. भारत में तीन तलाक को लेकर लंबे समय से बहस चल रही है. इसकी शुरुआत 1985 के सुप्रीम कोर्ट के फैसले से होती है. तीन तलाक की बहस 2016 में फिर गरमा गई. तब सायरा बानो नाम की एक महिला ने तीन तलाक के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी. सायरा के पति ने शादी के 15 साल बाद तीन तलाक कहकर रिश्ता तोड़ दिया। तब सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक के खिलाफ फैसला सुनाया और सरकार को इस मुद्दे पर कानून बनाने का निर्देश दिया.
4. तीन तलाक की तरह, अनुच्छेद 370 का मुद्दा भी भारत की आजादी के साथ शुरू हुआ था। 1948 में भारत का हिस्सा होने के बाद भी जम्मू-कश्मीर अलग रहा। राज्य ने अपना संविधान बनाया। वहां भारत के कुछ ही कानून लागू थे. 2019 में चुनाव जीतने के बाद मोदी सरकार ने 5 अगस्त 2019 को धारा 370 को खत्म कर दिया.
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