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मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परम बीर सिंह गुरुवार को शहर की अपराध शाखा के सामने रंगदारी के आरोप में पेश हुए. वहां उनसे छह घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की गई. उनके वकील ने कहा कि सिंह ने क्राइम ब्रांच के सामने बयान दिया था. "सुप्रीम कोर्ट के आदेश से, वे जांच में सहयोग करना जारी रखेंगे," उनके वकील ने कहा. सिंह, जो वर्तमान में महाराष्ट्र के होमगार्ड्स के महानिदेशक हैं, को एक आधिकारिक वाहन में शाम करीब 6.15 बजे क्राइम ब्रांच यूनिट-11 से बाहर निकलते देखा गया.
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सिंह इस समय चंडीगढ़ में हैं और जल्द ही महाराष्ट्र में भ्रष्टाचार और जबरन वसूली की जांच में शामिल होंगे. सिंह महाराष्ट्र में रंगदारी और भ्रष्टाचार के पांच अलग-अलग आरोपों का सामना कर रहे हैं. इसमें राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख और मुंबई के पुलिस अधिकारी सचिन वाजे शामिल हैं.
उन्होंने पहले सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि वह "देश में" हैं. उन्होंने कहा कि वह केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) या महाराष्ट्र पुलिस को छोड़कर किसी अन्य एजेंसी के साथ सहयोग करने के लिए तैयार हैं.
परम बीर सिंह को सेवा से निलंबित करने का फैसला?
सूत्रों ने कहा कि महाराष्ट्र के आईपीएस अधिकारी परम बीर सिंह की सेवा को निलंबित करने का महाराष्ट्र सरकार का फैसला महाराष्ट्र के सीएम दीघव ठाकरे के अंतिम निर्णय के लिए लंबित है.
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