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मध्य प्रदेश में बांध से पानी छोड़े जाने के कारण सिंध नदी ने भयानक रूप धारण कर लिया। गोरघाट के पास लॉन्च ब्रिज और रतनगढ़ में माता मंदिर पुल सिंध नदी के तेज पानी में बह गए. लॉन्च की उम्र और सिंध नदी पर रतनगढ़ माता मंदिर पुल दस साल से कम था. वहीं अत्यधिक बारिश और बाढ़ से निपटने के लिए सेना को बुलाया गया है. शिवपुरी, श्योपुर, रीवा जैसे जिलों में लगभग 1171 गांव प्रभावित हुए हैं. कुल 200 गांव पानी से घिरे हैं. एनडीईआरएफ की टीमों ने करीब 1600 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया है.
शिवपुरी के बिछी गांव में सोमवार को एक पेड़ पर तीन लोग फंस गए, जिन्हें बचा लिया गया है. मडीखेड़ा बांध से पहले 12 हजार 500 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा था, अब इसे घटाकर 10 हजार 500 क्यूसेक कर दिया गया है. बांध से पानी छोड़े जाने से प्रभावित गांवों के लोगों को अलर्ट कर दिया गया है. बांध से पानी छोड़े जाने के कारण सिंध नदी ने भयानक रूप धारण कर लिया. गोरघाट के पास लॉन्च ब्रिज और रतनगढ़ में माता मंदिर पुल सिंध नदी के तेज पानी में बह गए. लॉन्च की उम्र और सिंध नदी पर रतनगढ़ माता मंदिर पुल दस साल से कम था। 2013 में पुल पर मची भगदड़ में 115 तीर्थयात्री मारे गए थे.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रभावित गांवों के लोगों से सतर्क रहने की अपील की है. हमें आपकी चिंता है. राहत शिविरों और भोजन की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं. अफवाहों पर ध्यान न दें। सभी बांध सुरक्षित हैं, मुझ पर विश्वास करें. सरकार हर संभव प्रयास कर रही है. प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को प्रेरित रहना चाहिए.
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