भारत में इस वक्त H3N2 वायरस के केस लगातार बढ़ते चले जा रहे हैं। इस मामले को लेकर अब केंद्र सरकार काफी ज्यादा गंभीर होती चली जा रही है। इस वायरस के चलते अबतक कई सारे मरीज अपनी जान गवां चुके हैं। एक गुजरात के वडोदरा की रहने वाली एक महिला ने अपना दम इस बीमारी के चलते तोड़ दिया।
इस संक्रमण के चलते अबतक 7 लोगों ने अपनी जान गवां दी है। लेकिन इस बीमारी से निपटने के लिए एलएनजेपी हॉस्पिटल ने सारे इंतजाम कर लिए हैं। इस बीमारी के लिए आइसोलेशन वार्ड को सेटअप किया गया है। वार्ड के अंदर आईसीयू बेड्स, बाईपैप्स, ऑक्सीजन बेड्स और वेंटिलेटर रिजर्व किए गए हैं।
15 डॉक्टर्स की टीम
इस बीमारी का इलाज करने के लिए 15 डॉक्टर्स की टीम को रखा गया है। इसके अंदर अलग-अलग विशेषज्ञ शामिल हैं। इस बारे में बात करते हुए डॉक्टर सुरेश कुमार ने बताया कि एलएनजेपी हॉस्पिटल में जनवरी में कम से कम 1200 मरीज ओपीडी में रोजाना आ रहे थे। लेकिन अब लगभग 1600 मरीज रोजना OPD में अपना इलाज करवाने आते हैं। बच्चों का ये आकंड़ा 4000 था, जोकि अब बढ़कर 700 हो गया है।
अपनी बात रखते हुए सुरेश कुमार ने मार्च 2023 को एक रिपोर्ट में कहा कि वायरस से 90 से 92 प्रतिशत लोग बुखार और 80 से 86 प्रतिशत मरीजों में खांस की परेशानी होती है। जोकि 2 हफ्ते तक रहती है। इसके अलावा 27 प्रतिशत लोगों की सांस फूलने लगती है। 10 प्रतिशत में ऑक्सीजन की कमी महसूस होती है। इसके अलावा 5 प्रतिशत को ही भर्ती करने की जरूरत पड़ती है। 90 से 95 प्रतिशत सामान्य रूप से ठीक हो जाते हैं।
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