Story Content
प्रभु यीशु के वचनों को अमल करने का दिन गुड फ्राइडे है. गुड फ्राइडे को होली फ्राइडे या ग्रेट फ्राइडे भी कहा जाता है. इस दिन लोग प्रभु यीशु मसीह को याद करते हैं. यह ईस्टर संडे से ठीक पहले वाले शुक्रवार को मनाया जाता है. पवित्र सप्ताह के दौरान मनाए जाने वाले गुड फ्राइडे पर प्रभु यीशु के बलिदान को याद कर उपवास रखा जाता है. ऐसे में आज यह पर्व पूरी दुनियाभर में मनाया जा रहा है.
अखिर क्यों मनाया जाता है गुड फ्राइडे
प्रभु यीशु मसीह लोगों को मानवता, एकता और अहिंसा का उपदेश देकर अच्छाई के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित कर रहे थे. धार्मिक अंधविश्वास के लोगों ने उन पर राजद्रोह का आरोप लगाया. उन्हें मौत की सजा सुनाई गई और प्रभु यीशु को सूली पर चढ़ा दिया गया. जिस दिन प्रभु यीशु को सूली पर चढ़ाया गया उस दिन को गुड फ्राइडे कहा जाता है. प्रभु यीशु के बलिदानों के कारण इस दिन को गुड फ्राइडे कहते हैं.
(ये भी पढ़ें:इस महिला की एक जिद्द से शुरु किया था चिपको आंदोलन, जानिए कैसे सरकार को टेकने पड़ गए थे घुटने)
40 दिन बाद फिर से जीवित हुए प्रभु ईसा मसीह
गुड फ्राइडे के तीसरे दिन यानी रविवार को प्रभु यीशु पुन: जीवित हो गए और 40 दिनों तक लोगों के बीच शिक्षा देते रहे. उनके दोबारा जीवित होने की घटना को ईस्टर संडे के रूप में मनाया जाता है. गुड फ्राइडे को चर्च में उनके जीवन के आखिरी पलों को दोहराया जाता है और लोगों की सेवा की जाती है. यह शोक का दिन है. इस दिन चर्च एवं घरों से सजावट की वस्तुएं हटा ली जाती हैं. लोग प्रभु यीशु की याद में काले वस्त्र धारण कर पदयात्रा निकालते हैं. इस दिन चर्च में एक भी कैंडल नहीं जलाई जातीं और न ही घंटियां बजाई जाती हैं। गुड फ्राइडे को लोग अपने गुनाहों की माफ़ी मांगते हैं. क्रॉस को चूमकर प्रभु ईसा मसीह को याद करते हैं.
(ये भी पढ़ें:आपसी भाईचारे की दी मिसाल, हिन्दू महिला के कारण पढ़ सकें 550 बच्चे)
पीएम मोदी ने किया ट्वीट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर ईसा मसीह को याद किया. ट्वीट कर पीएम मोदी ने कहा, गुड फ्राइडे हमें ईसा मसीह के संघर्षों और बलिदानों की याद दिलाता है. दया का एक आदर्श अवतार जो जरुरतमंदों की सेवा करने और बीमारों को मदद करने के लिए समर्पित थे.
Comments
Add a Comment:
No comments available.