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27 अगस्त का दिन पूरा देश इन्फेंट्री डे के तौर पर मनाता है। इस दिन पैदल सेना के जवानों की बहादुरी से भरी कहानियों को याद किया जाता है। 1947 को इस दिन भारतीय सेना के जवानों ने हिंदुस्तान का सिरमौर कहे जाने वाले कश्मीर का बड़ा हिस्सा पाकिस्तान के कब्जे से बचाने का काम किया। ये साल भारतीयों के लिए इसीलिए भी खास है क्योंकि 27 अक्टूबर को 75 साल पहले ऐसी सैन्य कार्रवाई की गई थी, जिसके अंदर पैदल सेना ने कमाल का काम किया था। साथ ही देश की रक्षा करने में अहम भूमिका तक निभाई थी।
क्या है भारतीय पैदल सेना का इतिहास? चलिए हम आपको बताते हैं। 22 अक्टूबर 1947 के दिन पाकिस्तान की तऱफ से 5 हजार कबायलियों को कश्मीर में घुसपैठ करके उसे जबरदस्ती कब्जे में लिया था। उस वक्त महाराज हरि सिंह ने भारत सरकार से मदद मांगने का काम किया। इसके बाद महाराजा हरि ने जम्मू-कश्मीर के भारत में विलय वाले समझौते पर साइन किया। उस वक्त से सेना की सिख रेजिमेंट की पहल बटालियन से एक पैदल सेन का दस्ता विमान से दिल्ली से श्रीनगर की तरफ रवाना किया जाता है। 27 अक्टूबर 1947 के दिन भारतीय पैदल सैनिकों ने कश्मीर को कबायलियों के चंगुल से छुड़ाने का काम किया।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत के आजाद होने के बाद विदेशी आक्रमणकारियों के खिलाफ भारतीय सेना का ये पहला फौजी अभियान रहा था। इसे पैदल सेना ने अंजाम दिया था। तभी से इस दिन की सफलता को 27 अक्टूबर के दिन इन्फेंट्री डे के तौर पर मनाया जाता है। भारतीय इन्फेंट्री को ही सबसे पहले सर्वोच्च सैन्य सम्मान परमवीर चक्र भी मिला है।
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