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24 दिसंबर 1999 का वो दिन था जब काठमांडू से दिल्ली के लिए उड़े आईसी 814 विमान को आतंकवादियों ने हाइजैक कर लिया था। उस विमान में 176 यात्री और 15 क्रू मेंबर्स मौजूद रहे थे। सभी की जान बचाने के लिए भारत सरकार ने तीन आतंकियों को छोड़ दिया था उनमें उमर शेख, मसूद अजहर और अहमद जरगर मौजूद थे। लेकिन आज हम आपको बताएंगे कि वो दिन आतंकी 21 साल बाद आखिर कहां है।
उमर शेख
सबसे पहले बात करते हैं उमर शेख की। उमर ने 2002 में वॉल स्ट्रीट जर्नल के पत्रकार डेनियल पर्ल की हत्या कर दी थी। इस केस में उसके साथियों को फांसी की सजा दी गई थी लेकिन बाद में पाकिस्तान की संधि हाईकोर्ट ने इसी साल सभी को बरी कर दिया था। इस मामले में इन सभी को बरी किए जाने के खिलाफ पर्ल के परिवार वालों ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की और उस पर फिलहाल सुनवाई जारी है।
मसूद अजहर
कब्जे से छूटने के बाद मसूद अजहर ने कई अपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया। उसने पाकिस्तान में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का गठन किया और वो इसका सरगना बन गया था। इसके बाद मसूद ने सबसे ज्यादा हमले भारत पर किए है उसने मुंबई हमला, संसद पर हमला, पुलवामा हमला और पठानकोट एयरबेस पर हमला किया है। इतना ही नहीं संयुक्त राष्ट्र ने इस आतंकवादी को पुलवामा हमले में फरार घोषित किया है।
मुश्ताक अहमद जरगर
मुश्ताक अहमद जरगर ने कश्मीर पर कई ग्रेनेड हमले करवाए है। 2019 में फरवरी के महीने सीआरपीएफ के जवानों पर हुए आतंकी हमलों के पीछे उसका भी हाथ था। वो कश्मीर का ही रहने वाला था इसके बाद भी ऐसी घटना को अंजाम दिया। उस पर दर्जनों लोगों के कत्ल का इल्जाम लगा हुआ है।
ऐसे फैलाया खौफ
जब विमान को हाईजैक किया गया था तो लोगों के बीच खौफ पैदा करने के लिए आंतकियों ने एक यात्री रुपन कात्याल को मार दिया था। पहले तो शुरु-शुरु में आतंकवादियों ने भारत सरकार से जेलों में बंद 35 उग्रवादियों की रिहाई और 200 मिलियन अमेरिकी डॉलर को लेकर मांग की थी। बाद में कई दिनों तक चली बातचीत के बाद 31 दिसंबर को तीन कैदियों की मांग पर आकर वो माना।
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