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शराब बंदी पर जीतनराम की वकालत, सवा सौ ग्राम या ढाई सौ ग्राम शराब पीने वालों को न पकड़े

जीतनराम मांझी ने शराबबंदी की प्रकिया को गलत ठहराते हुए शराब को थोड़ी-थोड़ी पीने की वकालत करते हुए कहा कि "शराबबंदी खराब नहीं है लेकिन उसे जिस तरह से लागू किया गया उसकी प्रक्रिया में काफी गड़बड़ियां हैं.

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By विपिन यादव | खबरें - 09 November 2022

बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तान आवाम मोर्चा (HAM) संरक्षक ने एक बार फिर शराब बंदी पर सवाल उठाते हुए टिप्पणी की है. जीतनराम मांझी ने शराबबंदी की प्रक्रीया को गलत ठहराते हुए शराब को थोड़ी-थोड़ी पीने की वकालत करते हुए कहा कि "शराबबंदी खराब नहीं है लेकिन उसे जिस तरह से लागू किया गया उसकी प्रक्रिया में काफी गड़बड़ियां हैं. हम पार्टी के संरक्षक मांझी ने कहा-जो लोग सवा सौ ग्राम या ढाई सौ ग्राम शराब पीते हैं उनको नहीं पकड़ा जाना चाहिए".

शराब कानून की समीक्षा हो

दिल्ली में हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में जीतनराम मांझी ने कहा, शराबबंदी कानून के कारण कई ऐसे गरीब लोग जेल में बंद हैं जो आधा लीटर या क्वार्टर दारू पीने के अपराध में जेल में बंद हैं. यह गलत है, इस पर समीक्षा होनी चाहिए. ऐसे लोगों को नहीं पकड़ा जाना चाहिए.  

पुलिस ब्रेथ एनेलाइजर लगाकार जांच करती है

मांझी ने कहा- पुलिस ब्रेथ एनेलाइजर लगाकार लोगों की जांच करती है. ब्रेथ एनेलाइजर क्या है एक मशीन ही है ना? मशीन कभी-कभी गलत भी बता देता है, जिसके कारण निर्दोष लोग भी पकड़े जाते हैं.जीतनराम मांझी ने आगे  कहा- शराबबंदी से तस्कर मालामाल हो रहे हैं और गरीब जेल जा रहे हैं. यह गरीब लोगों के साथ अन्याय है. आपको बता दें कि मांझी की पार्टी महा गठबंधन सरकार में शामिल है. उनके बेटे और हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष कुमार सुमन नीतीश सरकार में मंत्री हैं. जीतनराम मांझी शराबबंदी पर हमलावर रहते हैं.

पिछली सरकार पर भी उठाए थे सवाल 

जीतनराम मांझी ने अक्सर अपने बयानों की वजह से सुर्खियों में बने रहते है. उन्होंने  NDA सरकार पर भी सवाल उठाते हुए कहा था कि, एक दो पैग शराब पीना गलत नहीं है. लोग शराब पीकर हल्ला करते हैं और पकड़े जाते हैं जबकि बड़े-बड़े अधिकारी चुपचाप रात में कुछ घूंट का आनंद लेते हैं और सो जाते हैं और कभी पकड़े नहीं जाते हैं. 

बिहार सरकार शराबबंदी पर सक्रिय 

जीतनराम मांझी ने शराब बंदी पर ऐसे समय पर सवाल उठाया है जब सोमवार को ही नीतीश कुमार ने इस पर उच्चस्तरीय बैठक कर शराब पीने वालों के साथ शराब के सप्लायर, तस्कर और बेचने वालों पर प्राथमिकता के आधार पर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. नीतीश कुमार ने कहा पीनेवालों की अपेक्षा शराब की तस्करी और इसके धंधे में लिप्त लोगों को गिरफ्तार करना और उन्हें सजा दिलाना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए.


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