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जयंत चौधरी (Jayant Chaudhary) को राष्ट्रीय लोकदल (RLD) का नया अध्यक्ष चुन लिया गया है. चौधरी अजीत सिंह की मौत के बाद राष्ट्रीय लोकदल में अध्यक्ष का पद खाली हो गया था, मंगलवार को पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की वर्चुअल मीटिंग के दौरान जयंत चौधरी को अध्यक्ष चुने जाने का फैसला हुआ. उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक समय राष्ट्रीय लोकदल की तूती चलती थी. इसका बर्चस्व पूरे पश्चिम उत्तर प्रदेश में देखने को मिलता था. 6 मई को चौधरी अजीत सिंह की कोरोना से मृत्यु होने बाद पार्टी लड़खड़ा रही थी. वहीं पार्टी की ज़िम्मेदारी जयंत चौधरी के पास थी. इससे पहले जयंत चौधरी पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष थे.
अजीत सिंह की अस्वस्थता के दौरान जयंत ने संभाल रखी थी पार्टी की बागडोर
जयंत चौधरी का राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में चुना जाना पहले से तय था, क्योंकि वह लंबे समय से राजनीति में सक्रिय हैं और जब अजीत सिंह अस्वस्थ चल रहे थे, तब जयंत ही पार्टी की गतिविधियां चला रहे थे और जरूरी फैसले किया करते थे. यही नहीं, पार्टी के सीनियर नेताओं का मानना था कि जयंत अब पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी उठाने के लिए पूरी तरह तैयार हो चुके हैं
चौधरी अजित सिंह ने 2014 में बागपत सीट से चुनाव हारने के बाद जयंत चौधरी को आगे बढ़ाने का फैसला लिया था और उन्हें उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी दी थी. तब से ही वह पार्टी से जुड़े अहम फैसले ले रहे थे.
दरअसल आरएलडी का परंपरागत वोट बैंक कहे जाने वाले जाट समुदाय का झुकाव 2014 के बाद से बीजेपी की ओर बढ़ा है. 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों के बाद से आरएलडी के सियासी समीकरण बिगड़ते दिखे थे. हालांकि बीते साल से जारी किसान आंदोलन के चलते आरएलडी के पक्ष में एक बार फिर से समर्थन जुटने की उम्मीद की जा रही है. बता दें कि 2014 में खुद जयंत चौधरी को भी मथुरा सीट से हार का सामना करना पड़ा था.
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