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22 मार्च 2020 का दिन हर किसी को याद है। कोरोना वायरस ने ऐसा कहर बरसाया कि देशभर में लॉकडाउन लगाया गया जिसके चलते सड़कों पर सन्नाटा पसर गया और लोग घरों में कैद हो गए। जिंदगी थम सी गई। उस दिन कैंडल जलाकर और थाली बजाकर लोगों ने एक-दूसरे का उत्साह बढ़ाया। आज उसी जनता कर्फ्यू के एक साल हो गए। इस एक साल में कोरोना के खिलाफ जंग में भारत डटकर खड़ा है मगर वैक्सीनेशन के बाद भी कोरोना फिर जोर पकड़ रहा है।
पीएम मोदी ने किया था संबोधित
कोरोना के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 मार्च 2020 को देश को संबोधित किया था। इस दौरान उन्होंने पहली बार जनता कर्फ्यू शब्द का जिक्र किया था। वही पीएम मोदी ने देशवासियों से एक दिन के कर्फ्यू लगाने का आह्वान किया। पीएम मोदी जी की अपील के बाद लोगों ने भी जनता कर्फ्यू में अपना पूरा समर्थन दिया और लोग उस दिन खुद अपने घरों में कैद रखा।
जनता कर्फ्यू के दौरान पीएम मोदी ने कही थी ये बात
"... जनता कर्फ्यू के दौरान पीएम मोदी ने भारतवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि आज प्रत्येक देशवासी से एक और समर्थन मांग रहा है, ये है जनता कर्फ्यू...यानि जनता के लिए.... जनता द्वारा खुद पर लगाया गया कर्फ्यू...."
जनता कर्फ्यू के बाद लगा लॉकडाउन
इस तरह से 22 मार्च 2020 को कोरोना वायरस की वजह से जनता कर्फ्यू लगाया गया। लेकिन जब कोरोना संक्रमण तेजी से फैला तो पूरे देशभर में लॉकडाउन लगा दिया गया ताकि लोगों को इस भयंकर संक्रमण की चपेट में आने से बचाया जा सके। वही लॉकडाउन लगने के बाद ट्रेनें, बसें, मॉल, बाजार, स्कूल-कॉलेज, अस्पतालों की ओपीडी सब कुछ बंद कर दी गई। केवल इमरजेंसी सेवाओं को जारी रखा गया। जिसके चलते सड़कों पर सन्नाटा पसर गया। इसके साथ-साथ रेलवे ट्रेक पर मालगाड़ियों को संचालन किया गया। यात्री ट्रेनें बंद रहीं। जिससे यात्रियों को काफी दिक्कत तो हुई लेकिन कोरोना संक्रमण से बचने के लिए घरों में कैद हो गए। यही नहीं कोरोना की दहशत ने लोगों की लाइफ पर काफी असर डाला।
कैंडल जलाकर और थाली बजाकर लोगों का बढ़ाया उत्साह
22 मार्च 2020 के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर लोगों ने कैंडल जलाकर और शाम को थाली बजाकर एक-दूसरे का उत्साह बढ़ाया ताकि कोरोना से घबराए नहीं। अब सड़कों पर वाहन और ट्रैक पर ट्रेनें रफ्तार भर रही हैं। सभी लोग अपने-अपने कामों में लगे हुए हैं लेकिन जिस तरह कोरोना के मरीज मिल रहे हैं उससे लगता है कि कोरोना एक बार फिर जोर पकड़ेगा। लेकिन कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए एक बार फिर से लोगों को उन्हीं कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना होगा जो हमने पहले किया था ताकि कोरोना को शक्तिशाली होने से रोका जा सके।
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