घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में पांच से दस दिनों में भारी उछाल आया है. आटा चावल महंगा हो गया.
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भारत में आम जनता महंगाई की मार झेल रही है. क्योंकि मूलभूत आवश्यकताओं में आने वाले गेहूं में वृद्धि हुई थी और तब से चावल की कीमतों में वृद्धि देखी गई है. मिली जानकारी के अनुसार, इस बात का पता चला है कि घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में पांच से दस दिनों में भारी उछाल आया है.
अनाज की कमी
भारत गेहूं के बाद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगा सकता है. चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के भारत के फैसले के डर से बांग्लादेश ने चावल आयात करने का फैसला किया है. रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण बांग्लादेश में खाद्यान्न की कमी है. भारत पहले ही गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा चुका है. जिससे परेशानी और बढ़ गई है. बाढ़ ने धान की फसल को काफी नुकसान पहुंचाया है. इसलिए बांग्लादेश जल्द से जल्द चावल का आयात करना चाहता है.
भारत की हिस्सेदारी
मिली जानकारी के मुताबिक, बांग्लादेश के इस फैसले के 5 दिन बाद ही भारतीय गैर-बासमती चावल की कीमत 350 डॉलर प्रति टन से बढ़कर 360 डॉलर प्रति टन हो गई है. चावल के दाम में 10 फीसदी का इजाफा हुआ है. पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश और बिहार से बांग्लादेश को चावल निर्यात किया जाता है. बांग्लादेश के इस फैसले के बाद इन तीन राज्यों में ही चावल के दाम में 20 फीसदी का इजाफा हुआ है. अन्य राज्यों में 10 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. बांग्लादेश ने 2020-21 में 13.59 लाख टन चावल का आयात किया. आंकड़ों के मुताबिक, भारत ने 2021-22 में 6.11 अरब डॉलर के गैर-बासमती चावल का निर्यात किया. जबकि 2020-21 में 4.8 अरब डॉलर के चावल का निर्यात किया गया था. चावल के वैश्विक व्यापार में भारत की हिस्सेदारी 40 प्रतिशत है.
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