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भारत समेत पूरी दुनिया में अधिक से अधिक लोगों को टीका लगाने के प्रयास जारी हैं। बड़ी आबादी को टीके पहले ही दिए जा चुके हैं, लेकिन वर्तमान में ऐसे मामले भी हैं जहां टीका लगवाने वाले लोगों में भी संक्रमण हो रहा है। तो क्या वर्तमान में मौजूद टीकों का Omicron पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है?
ओमाइक्रोन: कैसे पता चलेगा कि हम कोरोना संक्रमित हो गए हैं?
पिछले साल दिसंबर में, वैक्सीन की प्रभावशीलता पर बहस के बीच, भारत के स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने राज्यसभा में कहा था कि 'यह साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं है कि मौजूदा टीके ओमाइक्रोन वेरिएंट पर काम नहीं करते हैं'.
ब्राजील के संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ रेनाटो कैफोरी का भी कहना है कि कोरोना से बचाव के लिए जो टीके आए हैं, उनका मकसद फिलहाल इस बीमारी के गंभीर खतरों को कम करना है, यानी ऐसा न हो कि संक्रमण होने पर अस्पताल जाने की जरूरत पड़े. . या संक्रमण घातक हो जाता है.
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देश में एक बार फिर कोविड 19 की तीसरी लहर ने रफ्तार पकड़ ली है. गुरूवार रात समाचार लिखे जाने तक पूरे देश में 1 लाख 7 हजार 848 नये केस दर्ज किये गये. महाराष्ट्र और दिल्ली दो ऐसे राज्य हैं. जहाँ पूरे देश मिले संक्रमितों के कुल आधे संक्रमित हैं. पूरे देश में बमुश्किल 8 से 10 महिने बाद एक बार फिर 24 घंटे में नये केस का आंकड़ा एक लाख के पार हुआ है.
पहली बार पिछले साल दूसरी लहर के दौरान अप्रैल में मरीजों की संख्या एक दिन में एक लाख पार हुई थी और चार लाख से ज्यादा तक पहुँच गयी थी. देश भर में गुरूवार को 29675 संक्रमित ठीक भी हुये वहीं 290 ने अपनी जान गंवा दी. एक्टिव केस यानी इलाज कराने वाले मरीजों की संख्या बढ़कर 3,57,364 हो गयी है.
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