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मेरा भारत महान ये तीन शब्द अपने आप में काफी बड़े और भावनाओं को व्यक्ति करने वाले हैं। इस देश की जनता और कई महान राजनेताओं ने इसके विकास के लिए बेहद ही ठोस कदम उठाए हैं, जिसकी अभी तक तारीफ होती हुई नजर आती है। वहीं, कुछ राजनेता ऐसे रहे जिनके द्वारा उठाया गया एक ही कदम पूरे देश को हिला देने के लिए काफी था। उन्ही में से एक रही हैं भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी। एक ऐसी नेता जिनके इमरजेंसी के फैसले ने लोगों की जिंदगी ही पलट कर रख दी थी। आज इंदिरा गांधी जी की जयंती है और ऐसे में राजनीति के इतिहास पलटने वाली नेता के बारे में आइए जानते कई खास बातें यहां।
1 - इंदिरा प्रियदर्शनी गांधी जिन्हें आमतौर पर इंदिरा गांधी के रूप में जाना जाता है। 19 नवंबर 1917 को भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के घर पैदा हुई थी। वो भारत की पहली और अकेली महिला प्रधानमंत्री बनीं जिन्होंने अपने पिता के बाद देश के दूसरे सबसे लंबे समय तक पीएम के पद पर रहकर सेवा दी थी। इंदिरा गांधी को भारत की आइरन लेडी के नाम से जाना जाता था और उन्हें भारत के राजनीति इतिहास की सबसे पावरफुल नेता के तौर पर देखा जाता है।
2- इंदिरा गांधी ने कम से कम 15 साल तक पीएम के पद को संभाला था और वो इंडियन नेशनल कांग्रेस की सेंटर फीगर के तौर पर भी जानी गई। कई लोग उन्हें 1975 में लगाई गई इमरजेंसी के फैसले को लेकर याद करते हैं, जिसने राजनीति के कई पहलुओं को बदलकर रख दिया।
3-इंदिरा गांधी को अपने वफादार सिख बॉडीगार्ड से सबसे बड़ा धोखा मिला था। उस बॉडीगार्ड ने इंदिरा गांधी की 31 अक्टूबर 1984 को हत्या कर दी थी। ये तब हुआ जब इंदिरा ने 'ऑपरेशन ब्लूस्टार' लॉन्च किया और भारतीय सेना को अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में शरण लेने वाले सिख अलगाववादियों का सामना करने का आदेश दिया।
4- इंदिरा गांधी ने भारत के पीएम के तौर पर दो कार्यकाल में काम किया। उनका पहला कार्यकाल जनवरी 1966 से मार्च 1977 तक 11 वर्षों तक रहा, जबकि उनका दूसरा कार्यकाल जनवरी 1980 से चार वर्षों तक रहा, जब तक कि अक्टूबर 1984 में उनकी हत्या नहीं हो गई।
5- 1947 से 1964 तक प्रधानमंत्री के रूप में नेहरू के कार्यकाल के दौरान, इंदिरा को एक महत्वपूर्ण सहायक माना जाता था और उनके साथ उन्होंने कई विदेशी यात्राएं भी की थी।
6- इंदिरा गांधी ने प्रिवी पर्स को पूरी तरह से खत्म कर दिया और बैंकों का राष्ट्रीयकरण करने जैसा बड़ा कदम उठाया। 1975 में एक चुनावी अपराध का दोषी पाए जाने के बाद और 6 साल तक राजनीति से बाहर रहने के बाद उन्होंने आपातकाल लगा दिया।
7- भारत और पाकिस्तान के बंटवारे के बाद पाकिस्तान दो हिस्सों में नजर आया- एक था पूर्वी पाकिस्तान और दूसरा पश्चिम पाकिस्तान (जोकि अब बांग्लादेश है) इसके बाद पूर्वी पाकिस्तान ने पश्चिमी पाकिस्तान के खिलाफ साजिश रचना शुरू कर दी। पहले तो इसके खिलाफ इंदिरा गांधी ने चेतावनी दी उसके बाद 25 अप्रैल 1971 के दिन पूर्वी पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध छेड़ दिया।
8- 1999 में बीबीसी द्वारा आयोजित एक ऑनलाइन पोल में इंदिरा गांधी को "वुमन ऑफ़ द मिलेनियम" नाम दिया गया था। वहीं, हाल ही में उन्हें टाइम मैग्जीन ने दुनिया की 100 शक्तिशाली महिलाओं में शामिल किया, जिन्होंने पिछली शताब्दी को परिभाषित किया। इसके बाद 1959 में इंदिरा गांधी को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में चुना गया था।
9- 1964 में अपने पिता की मौत के बाद उन्हें राज्यसभा के सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया। वे सूचना और प्रसारण मंत्री के रूप में लाल बहादुर शास्त्री के मंत्रिमंडल की सदस्य बनी थी।
10 -1971 में बांग्लादेश युद्ध में पाकिस्तान के खिलाफ भारत को जीत दिलाने के लिए इंदिरा गांधी को भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान, भारत रत्न से सम्मानित किया गया था।
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