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दिल्ली के जंतर मंतर पर पहलवानों का विरोध प्रदर्शन तीसरे दिन भी जारी है. भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ एफआईआर दर्ज न होने पर सात पहलवानों के समूह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. अब सुप्रीम कोर्ट 7 महिला रेसलर की याचिका पर सुनवाई करने के लिए राजी हो गया है.
दिल्ली सरकार एवं दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी
कोर्ट ने मामले को संज्ञान लिया और कहा कि पहलवानों ने याचिका में यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए हैं. इन पर विचार किए जाने की जरूरत है. अब इस मामले पर शुक्रवार को सुनवाई होगी. साथ अदालत ने यह भी कहा कि सभी महिला याचिका कर्ताओं के नाम न्यायिक रिकार्ड से हटाए जाएं ताकि उनकी पहचान उजागर न हो सके. इसके साथ ही कोर्ट ने दिल्ली सरकार एवं दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
SC ने मामले को पाया गंभीर
पहलवानों के वकील नरेंद्र हुड्डा ने कहा, हमने आरोपी बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश मांगे. गंभीर आरोपों के बावजूद भी दिल्ली पुलिस इस केस में कोई FIR दर्ज़ नहीं कर रही थी. SC ने मामले को गंभीर पाया और दिल्ली सरकार एवं दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
सहमति से नहीं बनी जांच रिपोर्ट
इस बीच, केंद्रीय खेल मंत्रालय की ओवरसाइट कमेटी की मेंबर बबीता फोगाट ने कहा कि जांच ठीक से नहीं हुई, मुझे रिपोर्ट पढ़ने को नहीं दी गई. सभी के सहमति से यह रिपोर्ट नहीं बनी है. रिपोर्ट पढ़ते वक्त मेरे से छीन ली गई थी.
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