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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा नए संसद भवन के उद्घाटन करने का निर्देश देने वाली जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होगी. गौरतलब है कि 20 विपक्षी दलों ने पीएम मोदी द्वारा संसद भवन के उद्घाटन का विरोध करते हुए कार्यक्रम में न पहुंच कर बहिष्कार करने का ऐलान किया है. सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका सुप्रीम कोर्ट के वकील सीआर जया ने दाखिल की है. जनहित याचिका में कहा गया है कि नए संसद भवन का उद्घाटन समारोह राष्ट्रपति को शामिल नहीं करके केंद्र सरकार ने भारतीय संविधान का उल्लंघन किया है.
विपक्ष का बड़ा आरोप
बता दें कि, नए संसद भवन के निर्माण कार्य का शिलान्यास 10 दिसंबर 2020 को किया गया था. संसद के निर्माण में 1200 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं. 20 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नए संसद भवन का उद्घाटन करेंगे. हालाँकि नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर सियासत छिड़ गई है. यही वजह है कि 20 विपक्षी दलों ने संसद भवन की नए बिल्डिंग के उद्घाटन समारोह में शामिल होने से इनकार कर दिया है. विपक्ष का आरोप है कि केंद्र सरकार राष्ट्रपति से नए संसद का उद्घाटन न कराकर और कार्यक्रम में न बुलाकर देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद का अपमान कर रही है.
28 मई को होगा उद्घाटन
बता दें कि, 28 मई को सुबह 7.30 बजे नए संसद भवन के उद्घाटन का कार्यक्रम शुरु होगा. पहले विधि विधान से पूजा की जाएगी. यह पूजा 9 बजे तक चलेगी. सूत्रों ने गुरुवार को कहा कि उद्घाटन समारोह दोपहर करीब 12 बजे शुरू होगा, हालांकि आयोजन की तैयारी सुबह से ही की जाएगी. सूत्रों ने यह भी कहा, "सुबह की पूजा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, उपसभापति हरिवंश और कुछ शीर्ष अधिकारियों के मौजूद रहने की उम्मीद है." जिसके बाद दोपहर करीब एक बजे उद्घाटन समारोह शुरू होने की उम्मीद है.
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