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अगर आप अपने जीवन में कभी भी शर्मिंदा या बेइज्जत नहीं होना चाहते हैं तो आचार्य चाणक्य की कुछ सीख को अपने जीवन में उतार लीजिए। कई बार ऐसा होता है कि लोग अनजाने में कुछ ऐसा काम कर देते हैं जिसकी वजह से उन्हें शर्मिंदा होना पड़ता है बेज्जती का सामना करना पड़ता है। अगर आप भी ऐसी स्थिति में नहीं फंसना चाहते हैं तो कुछ बातों को ध्यान में रख लीजिए। चाणक्य नीति खुद की बेइज्जती होने से बचने के लिए तरीके बताती है।
दूसरों को सम्मान दें
आपको हमेशा दूसरों को इज्जत देनी चाहिए तभी आपको भी इज्जत मिलती है जब आप लोगों के सामने कड़वी बातें नहीं करेंगे तो वह आपका भी सम्मान करेंगे इस तरह से आप समझ में बेइज्जत होने से बचते हैं।
बिन बुलाए मेहमान
अक्सर ऐसा होता है कि जिस जगह पर हमारा बुलावा नहीं होता हम वहां भी पहुंच जाते हैं ऐसा करने से आपकी बड़ी बेइज्जती हो सकती है। आपको जहां आमंत्रित किया जाए वही जाना चाहिए ऐसी किसी जगह पर नहीं जाना चाहिए जहां आपका बुलावा ना हो।
विनम्र रहे
आपको अगर बेइज्जत नहीं होना है तो शत्रु बनाने से बचना चाहिए। जब आप लोगों के साथ विनम्रता से पेश आएंगे तो वह आपको पसंद करेंगे अगर आपका स्वभाव अच्छा रहता है तो लोग आपकी इज्जत करते हैं। इसके अलावा समाज में इज्जत पाना चाहते हैं तो आपको ताकतवर और कमजोर दोनों पक्ष के लोगों से विनम्र व्यवहार रखना होगा।
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