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JDU के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव का निधन, दिल्ली में आवास पर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया पार्थिव शरीर

शरद यादव की बेटी शुभाषिनी यादव ने रात पौने 11 बजे सोशल मीडिया पर उनके निधन की जानकारी दी. शुभाषिनी ट्वीट करते हुए लिखा, 'पापा नहीं रहे'. उनकी उम्र 75 साल थी. दिल्ली के छतरपुर में उनके आवास पर पार्थिव शरीर रखा गया है.

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By विपिन यादव | खबरें - 13 January 2023

पूर्व केंद्रीय मंत्री और जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव का दिल्ली के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया. उनकी बेटी शुभाषिनी यादव ने रात पौने 11 बजे  सोशल मीडिया पर उनके निधन की जानकारी दी. शुभाषिनी ट्वीट करते हुए लिखा, 'पापा नहीं रहे'. उनकी उम्र 75 साल थी. दिल्ली के छतरपुर में उनके आवास पर पार्थिव शरीर रखा गया है. कल होशंगाबाद के बाबई तहसील के आंखमऊ गांव में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. 

शरद यादव राजनीति के पुरोधा थे

शरद यादव 2003 में जनता दल बनने के बाद से लंबे समय तक पार्टी के अध्यक्ष रहे. वह सात बार लोकसभा सांसद भी रहे. पिछले कुछ वक्त से वह सक्रिय राजनीति में नजर नहीं आ रहे थे. शरद यादव चार बार बिहार के मधेपुरा सीट से सांसद रहे हैं.  शरद यादव शायद भारत के पहले ऐसे राजनेता थे जो तीन राज्यों मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार से लोकसभा के लिए चुने गए थे. शरद यादव भारतीय राजनीति के पुरोधा माने जाते हैं. वह इमरजेंसी के दौरान जेल भी गए थे.

अचेत अवस्था में अस्पताल में कराया गया था भर्ती 

पूर्व मंत्री की तबीयत बिगड़ती जा रही थी और उन्हें गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया था. फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट ने बयान जारी कर कहा कि शरद यादव को अचेत अवस्था में फोर्टिस में आपात स्थिति में लाया गया था. जांच करने पर उनकी कोई पल्स या रिकॉर्डेबल ब्लड प्रेशर नहीं था. एसीएलएस प्रोटोकॉल के तहत उनका सीपीआर किया गया.  सर्वोत्तम प्रयासों के बावजूद, उन्हें बचाया नहीं किया जा सका और रात 10 बजकर 19 मिनट पर उन्हें मृत घोषित कर दिया गया. उनके परिवार के प्रति हम संवेदना व्यक्त करते हैं. 

श्रद्धांजलि देने पहुंचे राहुल गांधी 

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी शरद यादव को श्रद्धांजलि देने उनके आवास पहुंचे, श्रद्धांजलि देन के बाद राहुल गांधी ने कहा कि मैंने शरद यादव जी से राजनीति के बारे में बहुत कुछ सीखा है, वह आज हमारे बीच नहीं रहें तो काफी दु:ख हो रहा है. उन्होंने कभी अपना सम्मान नहीं खोया क्योंकि राजनीति में सम्मान खोना बहुत आसान होता है.

शरद यादव के घर जाएंगे शाह

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा कुछ ही देर में शरद यादव को श्रद्धांजलि देने के लिए  उनके  घर जाएंगे. उसके बाद केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के आने की भी संभावना है.  केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी शरद यादव को श्रद्धांजलि देने के लिए उनके घर जा सकते हैं.


इन नेताओं ने निधन पर जताया दुख 

शदर यादव के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राजनाथ सिंह, राहुल गांधी, नीतीश कुमार, लालू यादव, बिहार के डिप्टी CM तेजस्वी यादव, नेता प्रतिपक्ष विजय सिन्हा समेत कई दिग्गज नेताओं ने दुख जताया है.  बता दें कि शरद यादव उन नेताओं में रहे हैं, जो लालू प्रसाद और नीतीश कुमार दोनों के साथ रहे. नीतीश कुमार से राजनीतिक रिश्ते खराब होने के बाद शरद यादव अलग-थलग पड़ गए.

पीएम मोदी ने निधन पर जताया शोक 

पीएम नरेंद्र मोदी ने भी शरद यादव के निधन पर शोक जताया है. ट्वीट में पीएम ने लिखा, शरद यादव जी के निधन से बहुत दुख हुआ. अपने लंबे सार्वजनिक जीवन में उन्होंने खुद को सांसद और मंत्री के रूप में प्रतिष्ठित किया. वे डॉ. लोहिया के आदर्शों से काफी प्रभावित थे. मैं हमेशा हमारी बातचीत को संजो कर रखूंगा. उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति संवेदनाएं. ओम शांति.

नीतीश ने भी जताया दुख

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ट्विटर पर लिखा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव जी का निधन दुःखद. शरद यादव जी से मेरा बहुत गहरा संबंध था. मैं उनके निधन की खबर से स्तब्ध एवं मर्माहत हूं. वे एक प्रखर समाजवादी नेता थे. उनके निधन से सामाजिक एवं राजनीतिक क्षेत्र में अपूरणीय क्षति हुई है. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें.

लालू ने लिखा-बहुत बेबस महसूस कर रहा हूं

लालू यादव ने शोक व्यक्त करते हुए सोशल मीडिया में वीडियो मैसेज पोस्ट किया है. उन्होंने कहा कि अभी सिंगापुर में हूं और शरद भाई के जाने का दुखद समाचार मिला. बहुत बेबस महसूस कर रहा हूं. आने से पहले मुलाकात हुई थी और कितना कुछ हमने सोचा था समाजवादी व सामाजिक न्याय की धारा के संदर्भ में.  शरद भाई...ऐसे अलविदा नहीं कहना था। भावपूर्ण श्रद्धांजलि!

तेजस्वी यादव ने जताया शोक 

बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने शोक जताते हुए  कहा- मंडल मसीहा, राजद के वरिष्ठ नेता, महान समाजवादी नेता मेरे अभिभावक आदरणीय शरद यादव जी के असामयिक निधन की खबर से मर्माहत हूं। कुछ कह पाने में असमर्थ हूं।

लालू की बेटी मीसा भारती ने दी श्रद्धांजलि

मीसा भारती ने ये फोटो शेयर कर ट्विटर पर लिखा कि समाजवाद की प्रबल आवाज़ आज शांत जरूर हुई है पर प्रेरणा बनकर हमारी स्मृतियों में सदा कौंधती रहेगी! आदरणीय शरद यादव जी को अश्रुपूरित भावभीनी श्रद्धांजलि.

लोकसभा स्पीकर ने भी जताया शोक

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने शरद यादव के निधन पर दुख जताते हुए कहा कि, “वरिष्ठ राजनेता, पूर्व सांसद शरद यादव जी के निधन पर शोक व्यक्त करता हूं. वे विलक्षण प्रतिभा वाले महान समाजवादी नेता थे, जिन्होंने वंचितों–शोषितों के दर्द को दूर करने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। उनका निधन समाजवादी आंदोलन के लिए बड़ी क्षति है.

राहुल गांधी ने भी जताया दुख

राहुल गांधी ने लिखा कि शरद यादव जी समाजवाद के पुरोधा होने के साथ एक विनम्र स्वभाव के व्यक्ति थे. मैंने उनसे बहुत कुछ सीखा है। उनके शोकाकुल परिजनों को अपनी गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं. देश के लिए उनका योगदान सदा याद रखा जाएगा.

पप्पू यादव ने शरद यादव को बताया दिग्गज राजनेता

जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पप्पू यादव ने कहा कि देश के दिग्गज राजनेता, समाजवाद और सामाजिक न्याय के योद्धा शरद यादव के निधन की खबर सुनकर मर्माहत हैं. शरद यादव के निधन से एक युग का अंत हो गया. एक समाजिक न्याय के नेता के रूप में हमेशा याद किए जाते रहेंगे.

शरद यादव का राजनीतिक करियर

शरद यादव के अपने  राजनीतिक करियर की शुरुआत छात्र राजनीति से ही शुरू किया था, लेकिन सक्रिय राजनीति में उन्होंने साल 1974 में पहली बार जबलपुर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा.  यह सीट हिंदी सेवी सेठ गोविंददास के निधन से खाली हुई थी. ये समय जेपी आंदोलन का था.  जेपी ने उन्हें हल्दर किसान के रूप में जबलपुर से अपना पहला उम्मीदवार बनाया था. शरद इस सीट को जीतने में कामयाब रहे और पहली बार संसद भवन पहुंचे. इसके बाद साल 1977 में भी वे इसी सीट से सांसद चुने गए. उन्हें युवा जनता दल का अध्यक्ष भी बनाया गया. इसके बाद वे साल 1986 में राज्यसभा के लिए चुने गए.

जानिए कब कौन सा पद संभाला

.1986 में शरद यादव राज्यसभा के लिए चुने गए.

.1989-90 तक उन्होंने केंद्र में कपड़ा और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग का कार्यभार संभाला.

.1997 में वे जनता दल के अध्यक्ष चुने गए.

.13 अक्टूबर 1999- 31 अगस्त 2001 तक वे नागरिक उड्डयन मंत्री रहे. 

.1 सितंबर 2001 से 30 जून 2002 तक श्रम मंत्री रहे.

.1 जुलाई 2002 से 15 मई 2004 तक उपभोक्ता मामलों के मंत्री, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री रहे. 

.31 अगस्त 2009 में शहरी विकास समिति के अध्यक्ष बने.


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