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तुर्किए और सीरिया में सोमवार (6 फरवरी) को आए 7.7 तीव्रता वाले भीषण भूकंप ने तबाही मचा दी है. भूकंप से मरने वालों को आंकडा लगातार बढ़ता जा रहा है. ताजा जानकारी के मुताबिक अब तक 8000 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) का कहना है कि मरने वालों का आंकड़ा 20 हजार तक पहुंच सकता है. UNICEF के मुताबिक, इस भूकंप त्रासदी में हजारों बच्चों की जान जाने की आशंका है. भूकंप के चलते भारी जान माल का नुकसान हुआ है. कई बिल्डिंग देखते ही देखते पल भर में जमींदोज हो गईं. राहत और बचाव का कार्य अभी भी जारी है.
5 मंजिला बिल्डिंग के मलबे के नीचे बेटी को जन्म
राहत बचाव के दौरान सीरिया के अलेप्पो शहर से एक रुह कंपा देने वाला मामला सामने आया है. दरअसल यहां मलबे के नीचे फंसी एक गर्भवती महिला ने नवजात बच्ची को जन्म दिया. इस दौरान नवजात अपनी मां की गर्भनाल से बंधा हुआ था. बताया जा रहा है कि एक मां ने 5 मंजिला बिल्डिंग के मलबे के नीचे बेटी को जन्म दिया और फिर दम तोड़ दिया. जन्म के करीब 10 घंटे बाद जब रेस्क्यू टीम को उसके रोने की आवाज आई, तब उसे बाहर निकाला गया. बच्ची अभी अस्पताल में है और सुरक्षित है. मलबे के नीचे मिली ये बच्ची अब अपने परिवार की इकलौती सदस्य है. इसकी जानकारी परिवार के एक रिश्तेदार ने दी है.
एक दो दिन में जन्म देने वाली थी महिला
न्यूयॉर्क टाइम्स से बातचीत में 34 वर्षीय खलील अल शमी ने बताया कि सोमवार को सीरिया के जिंदयारिस शहर में भूकंप के चलते तमाल लोगों की तरह उनके भाई का घर भी तबाह हो गया. पूरी इमारत मलबे के ढेर में तब्दील हो गई. वह अपने भाई और अन्य परिजनों को तलाशने के लिए मलबे की खुदाई कर रहे थे. इसी दौरान उन्होंने अपनी भाभी के गर्भनाल से एक नजवात बच्ची को जुड़े हुए देखा. जिसके बाद उन्होंने तुरंत गर्भनाल को काट दिया और बच्ची रोने लगी, उसे बाहर निकाला. खलील के अनुसार, उनकी भाभी गर्भवती थीं और एक-दो दिन बाद वह बच्चे को जन्म देने वाली थीं.
शरीर पर मिले कई चोट के निशान
अफरीन के अस्पताल में एक इनक्यूबेटर के अंदर, नवजात को एक ड्रिप से जोड़ा गया था, उसके शरीर पर चोटों के निशान थे और उसकी बाईं मुट्ठी के चारों ओर एक पट्टी बंधी हुई थी. कड़कड़ाती ठंड के कारण उसका माथा और उंगलियां अभी भी नीली थीं. मारूफ ने एएफपी को बताया, की अब बच्ची के हालत स्थिर है. उन्होंने एएफपी को बताया कि नवजात के पूरे शरीर पर चोट के कई निशान थे. कड़ी ठंड के कारण उसे हाइपोथर्मिया भी था. हमें उसे गर्म रखना था और कैल्शियम देना था. बच्ची की हालत अब ठीक है.
अंकल आप मुझे निकाल लीजिए
सीरिया में और भी ऐसी घटना सामने आई है जहां एक बच्ची अपने छोटे भाई के साथ 17 घंटे तक मलबे के नीचे दबी रही. जब रेस्क्यू टीम उसे बचाने पहुंची तो उसने बातचीत में कहा- अंकल आप मुझे यहां से बाहर निकालिए, मैं आपकी सेवक बनकर रहूंगी. यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है. दोनों ही बच्चों को रेस्क्यू कर लिया गया है और अब वे सुरक्षित हैं. यह पता नहीं चल पाया है कि ये मामला किस जगह का है.
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