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तुर्कीये और सीरिया में सोमवार को आए तीन बड़े भूकंप से अब तक करीब 8 हजार लोगों की मौत हो चुकी है. घायलों की संख्या 25 हजार के करीब पहुंच गई है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन (WHO) का कहना है कि मरने वालों का आंकड़ा 20 हजार तक पहुंच सकता है. UNICEF के मुताबिक, त्रासदी में हजारों बच्चों की जान जाने की आशंका है. राहत और बचाव का कार्य अभी भी जारी है. दोनों देशों की मदद के लिए 70 से भी ज्यादा देश आगे आए हैं.
70 देशों की टीमें राहत बचाव कार्य में जुटीं
तुर्किए के आपदा प्रबंधन विभाग ने बताया कि कहारमनमाराश इलाके में 6 फरवरी को आए 7.7 तीव्रता के भूकंप के बाद अब तक भूकंप के कुल 435 झटके दर्ज किए जा चुके हैं. उन्होंने कहा कि भूकंप के बाद से राहत और बचाव कार्य के लिए अब तक कुल 60,217 कर्मचारी और 4,746 वाहन और निर्माण उपकरण तैनात किए जा चुके हैं. दुनिया के कुल 70 देशों की टीमें राहत और बचाव कार्य के लिए तुर्किए पहुंच चुकी हैं. लेकिन तुर्किए का खराब मौसम राहत-बचाव के लिए बाधा बना हुआ है.
कड़ाके की सर्दी से हो रही परेशानी
तुर्किये के कई शहरों में तापमान 9 से माइनस 2 डिग्री सेलसियस पहुंच गया है. UN ने कहा है कि बर्फबारी और बारिश के कारण भूकंप से प्रभावित दोनों ही देशों में बचाव कार्य प्रभावित हो रहा है. इमरजेंसी सर्विसेज की टीमों को रेस्क्यू में काफी दिक्कत हो रही है.
भारत ने भेजा राहत बचाव सामग्री
भारत ने तुर्किए के साथ साथ भूकंप पीड़ित सीरिया को भी C130J विमान के जरिए राहत सामग्री भेजी है. इसमें 6 टन से अधिक राहत सामग्री जिसमें 3 ट्रक सामान्य और सुरक्षात्मक गियर, आपातकालीन उपयोग की दवाएं, सीरिंज और ईसीजी मशीन, मॉनिटर और अन्य आवश्यक चिकित्सा सामग्री के साथ एक विशेषज्ञ राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल खोज और बचाव दल शामिल है. इसमें पुरुष और महिला दोनों कर्मी, अत्यधिक कुशल डॉग स्क्वॉड, चिकित्सा से जुड़ी चीजें, उन्नत ड्रिलिंग उपकरण और सहायता प्रयासों के लिए आवश्यक अन्य महत्वपूर्ण उपकरण शामिल हैं.
30 बेड का फील्ड हॉस्पिटल
फील्ड ऑपरेशन में 30 बिस्तरों वाली चिकित्सा सुविधा स्थापित करने के लिए उपकरण और 99 कर्मी, इसमें विभिन्न क्षेत्रों के चिकित्सा विशेषज्ञ शामिल हैं. चिकित्सा उपकरणों में एक्स-रे मशीन, वेंटिलेटर, ऑपरेशन-थियेटर, वाहन, एंबुलेंस, जनरेटर आदि शामिल हैं.
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